कांग्रेस नेता डोटासरा व जूली का बीजेपी पर सर्दी की चुभन जैसा प्रहार : भजनलाल सरकार के फैसले राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित

उदयपुर। राजस्थान की राजनीति में सोमवार को उस वक्त हलचल बढ़ गई, जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने डबोक एयरपोर्ट पर भाजपा सरकार पर तीखे आरोप लगाए। दोनों नेताओं ने राज्य सरकार के हालिया फैसलों को “जनविरोधी” और “राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित” बताया। डोटासरा के बयान बीजेपी नेताओं के लिए सर्दी की चुभन जैसे जो उनको बेचैन कर देते हैं।

नए जिलों का समापन: जनता के अधिकारों पर हमला?

गोविंद सिंह डोटासरा ने तीन संभागों और नौ जिलों को समाप्त करने के फैसले को “जनविरोधी” करार दिया। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने यह निर्णय न केवल प्रशासनिक रूप से गलत लिया है, बल्कि यह जनता के अधिकारों पर सीधा हमला है। इन जिलों से लाखों लोगों को प्रशासनिक और सरकारी सुविधाएं प्राप्त हो रही थीं। भाजपा सरकार ने यह निर्णय केवल राजनीतिक लाभ के लिए लिया है।”

विशेषज्ञों का मानना है कि नए जिलों का गठन अशोक गहलोत सरकार का एक बड़ा कदम था, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रशासनिक पहुंच बढ़ाने के लिए किया गया था। लेकिन इन जिलों को समाप्त करना भाजपा की सत्ता वापसी के बाद का पहला बड़ा विवादित कदम बन गया है।

महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल पर सियासत

डोटासरा ने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के फैसले को “इन स्कूलों को बंद करने की साजिश” कहा। इन स्कूलों ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति शुरू की थी, जहां गरीब और मध्यम वर्गीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी।
“भाजपा सरकार का यह फैसला न केवल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को समाप्त करने की कोशिश है,” डोटासरा ने कहा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा सरकार का यह कदम जनता के बड़े वर्ग में असंतोष पैदा कर सकता है, खासकर उन परिवारों में जिनके बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं।

आरटीई में लापरवाही : गरीब बच्चों के लिए बढ़ती मुश्किलें

आरटीई (राइट टू एजुकेशन) अधिनियम को लेकर डोटासरा ने भाजपा सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान केवल कागजों तक सीमित रह गया है। “शिक्षा मंत्री की निष्क्रियता और भाजपा सरकार की विफल नीतियों का सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब और जरूरतमंद बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।”

भाजपा के नेताओं की बयानबाजी पर हमला

डोटासरा ने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के विवादास्पद बयान को “निंदनीय” और “मानसिक दिवालियापन” करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देकर भाजपा जनता का ध्यान अपराध, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है।

राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सिरोही की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही सबसे अधिक अपराध हो रहे हैं, जो सरकार की विफलता को स्पष्ट करता है।”

भव्य स्वागत के पीछे सियासी संदेश

डबोक एयरपोर्ट पर डोटासरा और जूली का मेवाड़ी पगड़ी और ओढ़ना पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। यह आयोजन न केवल कांग्रेस के आंतरिक संगठन की मजबूती को दिखाता है, बल्कि भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस की लामबंदी का स्पष्ट संकेत भी है।

क्या भाजपा सरकार जनता की नाराजगी का सामना करेगी?

राजस्थान की सियासी बिसात पर भाजपा सरकार के ये फैसले उसके लिए चुनौती बन सकते हैं। कांग्रेस नेताओं के आरोप न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि जनता के बीच नाराजगी को भी हवा दे रहे हैं।

आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन मुद्दों पर अपनी रणनीति किस तरह से तय करती है। क्या वह अपने फैसलों को जनता के बीच सही ठहराने में कामयाब होगी, या कांग्रेस इन मुद्दों को भुनाकर राजनीतिक बढ़त हासिल करेगी? यह तो वक्त ही बताएगा।

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