
-नाथद्वारा साहित्य मण्डल में श्री भगवतीप्रसाद देवपुरा स्मृति एवं राष्ट्रीय बालसाहित्य समारोह सम्पन्न
-साहित्य सेवियों के मेले में खूब हुई रचनाओं की बरसात
उदयपुर। मेवाड़ की गौरवमयी संस्कृति में साहित्य का भी अमूल्य योगदान है।
यह बात सोमवार को नाथद्वारा के साहित्य मण्डल में आयोजित श्री भगवतीप्रसाद देवपुरा स्मृति एवं राष्ट्रीय बालसाहित्य समारोह के दूसरे दिन के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भीलवाड़ा के जगजितेंद्र सिंह ने कही। उन्होंने मेवाड़ की गौरवमयी संस्कृति की चर्चा करते हुए सम्मानित साहित्यकारों के योगदान को सराहा। ऐसे आयोजन बाल साहित्य और लोक संस्कृति के प्रति समर्पण और नई पीढ़ी के प्रति जागरूकता का उदाहरण बनते हैं।
कार्यक्रम संयोजक श्यामप्रकाश देवपुरा ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन साहित्यमय वातावरण के साथ संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि सुरेंद्र सार्थक और विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र लोढ़ा (भीलवाड़ा), आनंद प्रजापति (मिर्जापुर) और ओमप्रकाश ‘आजाद’ (भरतपुर) ने साहित्य संवर्धन पर विचार रखे।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु श्रीनाथ जी और मां शारदा के पूजन-अर्चन तथा पं. ओमप्रकाश पांडे द्वारा श्लोक वाचन से हुई। एंजल गांधी ने गणपति वंदना प्रस्तुत की, जबकि कुमारी सृष्टि (मिर्जापुर) ने सरस्वती वंदना की। मांडगायक हिदायत खां चुई (नागौर) और उनके साथी कलाकारों ने राजस्थानी लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सत्र में विभिन्न साहित्यिक विषयों पर लेखकों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। विमला नागला ने “लोरियों के लोक में बालक” विषय पर, ऋचा रावत राया ने “बाल कविताओं में सूरज, चंदा और तारे” पर, रेखा लोढ़ा ‘स्मित’ ने “बालखानियों में राष्ट्र प्रेम” पर और नरेंद्र निर्मल ने “बाल साहित्य में पशु-पक्षियों का संसार” विषय पर अपने आलेख प्रस्तुत किए। नामचीन साहित्यकार नगेन्द्र कुमार मेहता की बाल कविताओं का संग्रह “हम बालक लड्डू गोपाल” का लोकार्पण भी हुआ।
इस अवसर पर कई साहित्यकारों और कलाकारों को मानद उपाधियों से अलंकृत किया गया। बालसाहित्य भूषण उपाधि से कर्नल प्रवीण शंकर त्रिपाठी (नोएडा), मीनू त्रिपाठी (नोएडा) और पारस चंद जैन (देवली) सहित कई साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। मांडगायक हिदायत खां चुई को ताराचंद भंडारी स्मृति सम्मान एवं लोक कला मर्मज्ञ की उपाधि प्रदान की गई। लोकार्पण सत्र में मीनू त्रिपाठी की “हरियाली की ओर”, वेद प्रकाश अग्निहोत्री की “पकड़ा गया प्रभात” और श्यामपलट पांडे की “धरती ने मनाया त्योहार” जैसी कृतियों का विमोचन हुआ। समारोह में उदयपुर के वरिष्ठ पत्रकार राजेश वर्मा को पत्रकारश्री उपाधि से नवाजा गया। वर्मा लम्बे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हैं और कई बड़े समाचार पत्रों में सेवाएं दे चुके हैं।
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