क्राइम स्टोरी : ऑपरेशन साईबर शील्ड – अवैध सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश
उदयपुर। जब आप किसी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी का नाम सुनते हैं, तो दिमाग में तुरंत ही सट्टे के खतरे की भावना आ जाती है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि यह एक बड़ा साइबर अपराध भी हो सकता है, जिसमें भोले-भाले लोगों को धोखा देकर उनकी मेहनत की कमाई लूट ली जाती है? उदयपुर पुलिस ने कुछ इसी तरह के एक बड़े साइबर रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें तीन अभियुक्तों ने कई निर्दोष लोगों को अपना शिकार बनाया।
यह कहानी उस दिन की है, जब पुलिस मुख्यालय जयपुर के निर्देश पर ऑपरेशन साईबर शील्ड अभियान के तहत जिला पुलिस अधीक्षक श्री योगेश गोयल की निगरानी में एक टीम बनाई गई थी। टीम ने थाना हिरणमगरी के साथ मिलकर एक बड़े साइबर ठगी के रैकेट का भंडाफोड़ किया।
कैसे हुआ खुलासा?
यह अपराध पूरी तरह से एक नेटवर्क पर आधारित था, जहां अवैध रूप से संचालित ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइटों पर सट्टा खेलवाया जाता था। इस सट्टेबाजी में भाग लेने वाले लोग अपनी कड़ी मेहनत की कमाई को इन वेबसाइटों पर दांव पर लगा देते थे, बिना यह जाने कि वे ठगी का शिकार हो रहे हैं।
जिला स्पेशल टीम ने सूचना पर कार्रवाई करते हुए नाकाबंदी की और एक कार से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। अभियुक्तों में एक युवती, पूजा, और दो युवक, आयुष और राजेन्द्र कुमार, शामिल थे। इन तीनों पर आरोप था कि वे भोले-भाले लोगों को लालच देकर उन्हें अवैध सट्टे के रैकेट में शामिल करते थे। इसके बाद, इन लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाए जाते थे, जिसमें सट्टे का पैसा डलवाया जाता था।
साइबर ठगी का तरीका
आयुष, जो इस रैकेट का मुख्य सरगना था, ने कई अवैध गेमिंग वेबसाइटों का इस्तेमाल किया, जैसे कि ALL PANEL EXCH.COM, WORLD 999, TIGER365, KINGEXCH, और 22XPLAY, जहां लोग क्रिकेट और अन्य खेलों पर सट्टा लगाते थे। आयुष के कहने पर पूजा, जो एक बैंक कर्मचारी थी, एक्सीस बैंक में लोगों के खाते खुलवाती थी और इस प्रक्रिया में बैंक के गोपनीय डेटा को आयुष तक पहुंचाती थी। इसके अलावा, राजेन्द्र कुमार भोले-भाले लोगों के नाम पर फर्जी खाते खोलने और उन खातों से पैसे ट्रांसफर करने में मदद करता था।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने इन तीनों आरोपियों के पास से कई जरूरी उपकरण बरामद किए, जिनमें लैपटॉप, मोबाइल फोन, सैकड़ों सिम कार्ड, चेकबुक, एटीएम कार्ड और फर्जी खाता धारकों की पासबुक शामिल थीं। इन सामानों का इस्तेमाल सट्टे के लेन-देन को अंजाम देने और फर्जी खातों के जरिए ठगी को अंजाम देने में किया जा रहा था।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई में दोषियों को सख्त सजा दिलवाने की योजना बनाई है। पुलिस ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई थाना हिरणमगरी और जिला स्पेशल टीम की संयुक्त मेहनत का परिणाम है, और मामले में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त:
- आयुष (मुख्य आरोपी) – नाई की तलाई, कालाजी गोराजी, उदयपुर
- पूजा (सह आरोपी) – एमडीएस स्कूल के पास, समता नगर, उदयपुर
- राजेन्द्र कुमार (सह आरोपी) – निवाली चरली, जालोर, हाल उदयपुर
यह घटना पुलिस की सतर्कता और ऑपरेशन साईबर शील्ड के तहत की गई कार्रवाई का एक शानदार उदाहरण है, जो साइबर अपराधों के खिलाफ जंग में एक अहम कदम साबित हो रही है।
टीम और सदस्य:
अपराध का पर्दाफाश करने वाली टीम में श्यामसिंह रत्नू (पुलिस निरीक्षक, डी.एस.टी.), दर्शन सिंह (थानाधिकारी, हिरणमगरी), और अन्य महत्वपूर्ण पुलिसकर्मी शामिल थे जिन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से इस मामले को सुलझाया।
यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में पुलिस की सक्रियता और योजनाबद्ध कार्यवाही कितनी महत्वपूर्ण है।
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