क्या कटारिया राजस्थान में सियासत की नई कहानी लिख रहे हैं?

उदयपुर। राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया ने असम के राज्यपाल रहते हुए भी सियासी चाल चलना नहीं छोड़ा है। अपने कार्यक्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर सक्रिय हैं। हालही में कटारिया जिन खबरों को लेकर सुर्खियों में आए हैं, उससे लगता है कि वे राजस्थान में सियासत की नई इबारत लिखने जा रहे हैं।

गौर कीजिएगा…अपने ही द्वारा बनाए गए सुंदरसिंह भंडारी ट्रस्ट के सालाना सम्मान समारोह में उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बतौर अतिथि आमंत्रित किया और उनकी तारीफ की। वसुंधरा राजे ने भी कटारिया के लिए तालियां बजवाईं। यहां इस केमेस्ट्री को भी समझना जरूरी है कि बतौर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दोनों कार्यकाल में कटारिया गृहमंत्री रहे।

इसके बाद असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया राजस्थान विधानसभा में उस दिन उपस्थित रहे, जब भजनलाल सरकार का पहला पूर्ण बजट उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी पेश रही थीं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कटारिया का स्वागत करते हुए सदन में उनके उपस्थित होने की जानकारी दी थी।

अब गौर करने की बात यह है कि राज्यपाल कटारिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में कटारिया ने पीएम मोदी से राजस्थान की वर्तमान राजनीति पर भी गहनता से चर्चा की। आप समझ सकते हैं कि गहनता से क्या चर्चा हुई होगी? उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि वे गत 10 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में पेश किए गए प्रदेश के बजट के दौरान विधानसभा में मौजूद रहे और बजट का एनालिसिस किया।

सरकारी खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने असम में हाल की बाढ़ की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और राज्यपाल कटारिया को असम के लोगों के लिए अपने दृढ़ समर्थन और सहायता का आश्वासन दिया। इस पर राज्यपाल कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। राज्यपाल कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी को मेवाड़ और असम आने का आमंत्रण दिया।

अब सवाल यह है कि क्या कटारिया अपनी ही सियासत के तहत यह भागदौड़ कर रहे हैं या केंद्र ने उन्हें राजस्थान की सियासत को लेकर कोई सीक्रेट प्लान सौंपा है, जिसके तहत वे काम कर रहे हैं। यह सबकुछ तब हो रहा है जब लोकसभा चुनावोंं में राजस्थान की 11 सीटें बीजेपी ने गंवाई है।

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