जयपुर । कला, संस्कृति और रचनात्मकता का उत्सव मनाने के लिए, फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (फ्लो) जयपुर चैप्टर द्वारा ‘जयपुर आर्ट फेयर’ का आयोजन किया जा रहा है। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आज से शुरू हुए दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने किया। इस अवसर पर, फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन जयपुर चैप्टर की चेयरपर्सन, रघुश्री पोद्दार ने डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ ‘प्रिजर्वेशन ऑफ हेरिटेज आर्ट एंड कल्चर इन उदयपुर’ विषय के साथ ‘द लिगेसी एंड डायनेस्टी ऑफ द ग्रेट किंग – महाराणा प्रताप’ पर एक इंटरैक्टिव टॉक का संचालन किया।
अपने संबोधन में, 8 बार के प्रतिष्ठित गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक, मेवाड़ के डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने विरासत, कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने परिवार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। अपनी महान वंशावली और महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप और बप्पा रावल जैसे दिग्गजों के वंशज होने के बावजूद, उन्होंने विनम्रतापूर्वक ‘रॉयल्टी’ के लेबल को अस्वीकार कर दिया। इस पर दर्शकों ने पूरे उत्साहपूर्वक तालियां बजाकर उनकी सराहना की।
उन्होंने अपने जीवन की फिलॉसफी पर बात करते हुए कहा कि जीवन सिर्फ जीना नहीं बल्कि जीवन में आगे बढ़ना भी जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, जीवन में यात्रा या मंजिल मायने नहीं रखती, बल्कि यात्रा के दौरान और मंजिल तक पहुंचने पर आपके साथ रहने वाले लोग मायने रखते हैं।
मुख्य अतिथि ने बाद में जयपुर आर्ट फेयर का अवलोकन किया, जिसमें राजस्थान की जीवंत विरासत और संस्कृति की सुंदर प्रस्तुति के साथ ही प्रतिभावान कलाकारों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने आर्टीजंस को सशक्त बनाने और उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए इस उत्सव का आयोजन करने की पहल करने के लिए चेयरपर्सन 2024-25 फिक्की फ्लो जयपुर और चीर सागर एक्सपोर्ट्स की निदेशक, रघुश्री पोद्दार की सराहना की।
इस अवसर पर, रघुश्री पोद्दार ने बताया कि आर्ट फेयर का उद्देश्य आर्टीजंस को सशक्त बनाना, उनकी आवाज को बुलंद करने और उनकी शिल्प की प्रतिभा को प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा कि एक निर्यातक के रूप में 18 वर्षों तक कला और शिल्प के क्षेत्र में काम करने के बाद, मैं युवा पीढ़ी को अपने पारिवारिक व्यवसाय को अपनाने और राजस्थान की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रही हूं।
फेयर में करीब 88 हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम आर्टीजंस हिस्सा ले रहे हैं, इनमें करीब 15 पुरस्कार विजेता आर्टीजंस भी शामिल हैं। क्राफ्ट्स काउंसिल ऑफ वीवर्स एंड आर्टीजंस (सीसीडब्ल्यूए) द्वारा इन पुरस्कार विजेता आर्टीजंस को फेयर में कॉम्प्लीमेंट्री स्टॉल प्रदान किए जाएंगे। इन आर्टीजंस में डॉ. बृज बल्लभ (हैंडब्लॉक प्रिंट्स), डॉ. दीपक संकित (मीनाकारी), पृथ्वी राज कुमावत (जेमस्टोन कार्विंग), गोपाल सैनी (ब्लू पॉटरी), राजेश जांगिड़ (तारकाशी), विनोद जांगिड़ (वुड कार्विंग), कल्याण जोशी ( फड़ पेंटिंग), साबिर (लहरिया), मधु राम (बाड़मेर वेव्स), नसरुद्दीन अंसारी (कोटा वीव्स), रामू रामदेव (लघु चित्रकला), हनीफ उस्ता (उस्ता कला), अनिल सिकलीगर (कोफ्तगिरी) और द्वारका प्रसाद (कावड़ कला) शामिल हैं।
फेयर के दूसरे दिन, 5 मई को कई टॉक शोज आयोजित होंगे। पहला टॉक शो सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक जस्लीन द्वारा ‘द पावर ऑफ आर्ट फॉर होलिस्टिक डवलपमेंट’ विषय पर आयोजित होगा। दूसरा टॉक शो ‘रेस्टोरिंग आर्ट एंड आर्किटेक्चर’ विषय पर दोपहर 3.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक आयोजित होगा। सेशन में शालिनी गहलोत, राघव धूत, शांतनु गर्ग और सिमरन कौर अपने विचार साझा करेंगे। इसी प्रकार, तीसरा टॉक शो ‘टॉक विद एंटरप्रेन्योर अंडर घूंघट’ शाम 5.30 बजे होगा, जिसमें शकुंतला धूत, जयश्री पेरीवाल, सुनीता शेखावत, लीला बोर्डिया और अरुणा सिंह शामिल होंगीं।
दो दिवसीय आर्ट फेयर में स्कूल आर्ट इन्सटॉलेशन, लाइव वर्कशॉप्स और महिला उद्यमियों द्वारा ऑर्गेनिक एवं आर्टिस्टिक फूड का भी शोकेस किया जा रहा है। फेयर का समापन पुरस्कार समारोह के साथ होगा जहां चयनित विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। फेयर में हिस्सा ले रहे 15 पुरस्कार विजेता आर्टीजंस को भी सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि कार्यक्रम में 4 और 5 मई दोनों दिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक पब्लिक के लिए एंट्री निशुल्क है।
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