राजस्थान में बिजली चोरी करने वाले सक्रिय अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे कठोर कार्रवाई

करीब 660 हार्डकोर, हिस्ट्रीशीटर, तस्करों एवं सक्रिय अपराधियों के ठिकानों पर दी गई दबिश

10 घंटे चला ऑपरेशन, एक करोड़ 20 लाख का ठोका जुर्माना

    जयपुर। झालावाड़ में विद्युत चोरी करने वाले सक्रिय अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसे ‘ऑपरेशन ऊर्जा प्रहार’ नाम दिया गया है। जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और झालावाड़ जिला पुलिस ने मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया, जिसका उद्देश्य हार्डकोर अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों और मादक पदार्थ तस्करों द्वारा की जा रही बिजली चोरी को रोकना था।
    जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक आरती डोगरा के निर्देश पर और पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के सहयोग से 48 संयुक्त टीमों का गठन किया गया। इन टीमों में विद्युत विभाग के 170 और पुलिस विभाग के 350 कार्मिक शामिल थे। गत रात्रि से ही शुरू हुए इस अभियान के तहत करीब 660 हार्डकोर अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों के ठिकानों पर दबिश दी गई, जिनके खिलाफ पहले से ही 9,000 से अधिक मामले दर्ज हैं।
    1.20 करोड़ रुपये का जुर्माना, कई बड़े मामले उजागर
    करीब 10 घंटे तक चले इस ‘ऑपरेशन ऊर्जा प्रहार’ में कुल 371 सक्रिय बदमाशों/उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ विद्युत अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। इन पर कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अभियान के दौरान कुछ उल्लेखनीय मामले भी सामने आए:
    ● भवानीमंडी में अवैध रूप से वाटर प्लांट चला रहे मनसब अली पर ₹66,000 का जुर्माना।
    ● राजपासा के तहत न्यायिक हिरासत में चल रहे सागर कुरैशी के परिजनों पर अवैध बिजली उपयोग के लिए ₹85,000 का जुर्माना।
    ● पिड़ावा के हिस्ट्रीशीटर अकरम द्वारा 2 मकानों और अशफाक के 3 आलीशान मकानों और 6 दुकानों में अवैध बिजली का उपयोग और लोड डायवर्ट करने के मामले सामने आए, जिस पर वीसीआर भरी गई।
    इस अभियान का उद्देश्य इन अपराधियों पर आर्थिक चोट पहुंचाना और आम जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा करना है। पुलिस और विद्युत विभाग के बेहतर तालमेल से यह अभियान पूरी तरह सफल रहा है।
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