
उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर की कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा द्वारा औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर पिछले कई दिनों से विवाद खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय परिसर से लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है। अब इस पूरे मामले में राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए जांच समिति का गठन कर दिया है।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय द्वारा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय अधिनियम 1962 (धारा 8(2)) के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है।
समिति के सदस्य इस प्रकार हैं—
• संभागीय आयुक्त, उदयपुर – अध्यक्ष
• अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, उदयपुर – सदस्य
• श्री सुरेश कुमार जैन, वित्तीय सलाहकार, आर.एस.एम.एम.एल., उदयपुर – सदस्य
• श्री कैलाश चंद्र स्वर्णकार, उप विधि परामर्शी, जिला कलक्टर, उदयपुर – सदस्य
• श्री विभिन माथुर, प्राचार्य, आर.एन.टी. मेडिकल कॉलेज, उदयपुर – सदस्य
जांच समिति का कार्य
समिति संबंधित पक्षों को अपना पक्ष रखने का अवसर देगी तथा सभी दस्तावेजों की गहन जांच करेगी। इसके बाद समिति अपनी स्थापित जांच रिपोर्ट तैयार कर अनुशंसा सहित माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति को प्रस्तुत करेगी।

खर्च वहन
जांच समिति को विश्वविद्यालय आने-जाने, बैठक चार्जेस एवं अन्य व्यय का भुगतान मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा किया जाएगा।
विवाद की पृष्ठभूमि
कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा ने हाल ही में एक शैक्षणिक कार्यक्रम के दौरान औरंगजेब को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उनके बयान को लेकर छात्र संगठनों, इतिहासकारों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया। मामला तूल पकड़ने के बाद सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।
अब सबकी निगाहें जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं, जो यह तय करेगी कि कुलगुरु का बयान विश्वविद्यालय अधिनियम और उनके पद की गरिमा के अनुरूप था या नहीं।
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