नई दिल्ली। चार साल की स्नातक डिग्री (एफवाईयूपी) लेने वाले छात्र अब सीधे यूजीसी नेट दे सकते हैं और पीएचडी कर सकते हैं। यह निर्णय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा लिया गया है।
यूजीसी ने बताया कि जेआरएफ के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए छात्रों को चार साल के स्नातक प्रोग्राम में कम से कम 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड हासिल करने होंगे।
मौजूदा व्यवस्था में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के लिए छात्रों को केवल 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर (पीजी) डिग्री की जरूरत है। नए नियमों के तहत अब चार साल की स्नातक डिग्री वाले छात्र भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के मुताबिक चार साल का स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) पूरा करके डिग्री हासिल करने वाले छात्र सीधे पीएचडी करने के लिए पात्र माने जाएंगे। ऐसे छात्र नेट परीक्षा भी दे सकते हैं।
एफवाईयूपी पूरा करने वाले छात्रों को ऐसे किसी भी विषय में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी, जिसमें कि वे पीएचडी करना चाहते हैं। गौरतलब है कि यह विषय उन विषयों से अलग हो सकते हैं जिनकी पढ़ाई छात्रों ने एफवाईयूपी के दौरान की है।
हालांकि इसके लिए यूजीसी ने कुछ शर्ते भी तय की है। एफवाईयूपी पूरा करने वाले या आठ सेमेस्टर पूरा करने के उपरांत ग्रेजुएशन की डिग्री लेने वाले छात्र इस नई व्यवस्था में मान्य होंगे। हालांकि चार वर्षीय डिग्री पूरी होने पर इन छात्रों के न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है।
जहां अंकों की बजाय ग्रेड की व्यवस्था है, वहां भी 75 प्रतिशत अंकों के बराबर ग्रेड होना चाहिए। हालांकि एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को यहां अंकों में कुछ छूट प्रदान की जा सकती है।
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