उदयपुर। राजसमंद जिले के नाथद्वारा मंदिर मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आरएएस अधिकारी राजेश जोशी को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ उदयपुर नगर विकास प्रन्यास (UIT) – जो अब उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) बन चुका है, में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।
कार्मिक विभाग का आदेश
राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग के शासन उप सचिव मुकेश कुमार मीणा द्वारा 3 मार्च 2025 को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि राजेश जोशी के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के तहत विभागीय जांच चल रही है। इस कारण उन्हें निलंबित किया गया है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय शासन सचिव, कार्मिक विभाग, जयपुर रहेगा।
यूडीए में 530 करोड़ के घोटाले का मामला
इससे पहले, 26 फरवरी 2025 को तत्कालीन यूआईटी सचिव नितेंद्र पाल सिंह को भी निलंबित किया गया था। वे 28 फरवरी को रिटायर हुए थे। यूआईटी में 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।
कैसे उजागर हुआ घोटाला?
2022-24 के दौरान ऑडिट रिपोर्ट, तथ्यात्मक विश्लेषण और मीडिया रिपोर्ट्स में यूआईटी में बड़े पैमाने पर नियमों के उल्लंघन और राजस्व हानि की बातें सामने आई थीं। इसमें कई अवैध प्लानिंग्स को स्वीकृति दी गई थी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
सांसद ने की थी जांच की मांग
इस मामले में उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने तत्कालीन सचिव नितेंद्र पाल सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। सांसद ने इस घोटाले की विस्तृत जांच कराने की भी अपील की थी।
क्या है यूआईटी और यूडीए का संबंध?
उदयपुर नगर विकास प्रन्यास (UIT) अब उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) बन चुका है। इसी संस्था में 530 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आई थी, जिसके चलते यह कार्रवाई हुई।
यह मामला राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं में वित्तीय पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।
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