मुंबई। बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान ख़ान ने हाल ही में एक ऐसा खुलासा किया जिसने उनके करोड़ों प्रशंसकों को चौंका दिया। कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो “द ग्रेट इंडियन कपिल शो” के तीसरे सीज़न की शुरुआत में सलमान पहले मेहमान बनकर पहुंचे थे। यहाँ उन्होंने अपनी आने वाली फ़िल्म “सिकंदर” का प्रमोशन किया, लेकिन बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी निजी सेहत को लेकर एक गंभीर जानकारी साझा की।
सलमान ने कहा कि वह पिछले कुछ समय से “ब्रेन एन्यूरिज़्म” नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। उनके अनुसार, “हम रोज़ हड्डियाँ तुड़वा रहे हैं, पसलियाँ टूट गईं, ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के साथ काम कर रहे हैं। दिमाग़ में एन्यूरिज़्म है, फिर भी काम कर रहे हैं। एवी मालफ़ॉर्मेशन है, उसके बावजूद चल रहे हैं। मैं एक्शन करता हूँ। चल नहीं पाता, फिर भी डांस कर रहा हूँ। यही सब चल रहा है मेरी ज़िंदगी में।”
सलमान के इस बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। उनके प्रशंसकों ने तुरंत #StayStrongSalman और #GetWellSoonSalman जैसे हैशटैग ट्रेंड करा दिए। बहुत से लोग इस बीमारी के बारे में जानकारी लेने लगे कि आख़िर ब्रेन एन्यूरिज़्म क्या है और यह कितना ख़तरनाक हो सकता है।
सलमान ख़ान और उनकी सेहत
सलमान ख़ान की फ़िल्मी ज़िंदगी जितनी रंगीन नज़र आती है, उतनी ही उनकी निजी ज़िंदगी मुश्किलों से भरी रही है। वह पहले भी गंभीर बीमारियों से जूझ चुके हैं। सालों पहले उन्हें “ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया” हुआ था, जिसे “Suicide Disease” भी कहा जाता है क्योंकि इसका दर्द असहनीय होता है। उस समय सलमान विदेश में इलाज के लिए गए थे और कई बार इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया था कि यह दर्द उन्हें तोड़ देता था।
अब उन्होंने एक और गंभीर बीमारी का ज़िक्र किया है – ब्रेन एन्यूरिज़्म। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें “एवी मालफ़ॉर्मेशन” जैसी स्थिति भी है। यह दिमाग़ की नसों की ग़लत संरचना होती है, जो खून के बहाव को असामान्य बना देती है। इन दोनों बीमारियों के बावजूद सलमान लगातार फिल्मों में सक्रिय हैं, बड़े-बड़े एक्शन सीक्वेंस शूट कर रहे हैं और डांस भी कर रहे हैं।
ब्रेन एन्यूरिज़्म क्या है?
ब्रेन एन्यूरिज़्म दिमाग़ की रक्त-नलियों में होने वाला एक उभार है। जब किसी धमनी की दीवार कमजोर हो जाती है तो वहाँ खून का दबाव गुब्बारे जैसा फुलाव बना देता है। यह फुलाव कभी-कभी बहुत लंबे समय तक बिना लक्षणों के रह सकता है। समस्या तब होती है जब यह फुलाव फट जाता है।
अगर ब्रेन एन्यूरिज़्म फट जाए तो दिमाग़ में अचानक रक्तस्राव हो सकता है, जिसे “सबएरेक्नॉइड हेमरेज” कहा जाता है। यह स्थिति कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है।
ब्रेन एन्यूरिज़्म के प्रकार
पहला, सैक्कुलर या बेरी एन्यूरिज़्म। यह सबसे सामान्य प्रकार है और अंगूर जैसी गोल थैली की तरह दिखाई देता है। यह अधिकतर दिमाग़ के निचले हिस्से की धमनियों पर बनता है।
दूसरा, फ़्यूज़िफ़ॉर्म एन्यूरिज़्म। इसमें धमनी के चारों ओर समान रूप से सूजन आ जाती है।
तीसरा, मायकोटिक एन्यूरिज़्म। यह किसी संक्रमण की वजह से होता है जो रक्त-नलियों को कमजोर बना देता है।
लक्षण और ख़तरे
छोटा एन्यूरिज़्म अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाता। बड़े एन्यूरिज़्म से दबाव पड़ने के कारण सिरदर्द, आंखों की रोशनी में बदलाव, चेहरे का सुन्न होना जैसी समस्याएँ आ सकती हैं। सबसे गंभीर स्थिति तब होती है जब यह फट जाए। अचानक तेज़ सिरदर्द, गर्दन अकड़ना, उल्टी, रोशनी से परेशानी और बेहोशी इसके संकेत हो सकते हैं।
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक़ हर साल इंग्लैंड में पंद्रह हज़ार लोगों में से एक का ब्रेन एन्यूरिज़्म फटता है। अमेरिका की ब्रेन एन्यूरिज़्म फ़ाउंडेशन बताती है कि वहाँ हर साल एक लाख लोगों में आठ से दस मामले सामने आते हैं।
सलमान के लिए ख़तरा क्यों ज़्यादा है
सलमान ख़ान एक्शन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। भारी भरकम स्टंट, फ़ाइट सीक्वेंस और डांस उनकी फिल्मों की पहचान है। लेकिन ब्रेन एन्यूरिज़्म जैसी बीमारी में ज़्यादा तनाव, भारी परिश्रम और चोट का ख़तरा बढ़ जाता है। पसलियों में चोट लगने के बावजूद उन्होंने शूटिंग जारी रखी, जो उनके जज़्बे की मिसाल है लेकिन डॉक्टरों के अनुसार यह ख़तरनाक भी हो सकता है।
मेडिकल एक्सपर्ट्स की राय
दिल्ली के एक न्यूरोसर्जन का कहना है, “ब्रेन एन्यूरिज़्म का सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि यह अचानक फट सकता है। अगर मरीज़ लगातार शारीरिक परिश्रम करता है तो जोखिम और बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में समय रहते सर्जरी या एंडोवैस्कुलर ट्रीटमेंट बेहद ज़रूरी होता है।”
मुंबई के एक विशेषज्ञ का कहना है, “सलमान ख़ान की लोकप्रियता उन्हें लगातार एक्टिव रहने पर मजबूर करती है, लेकिन उनकी स्थिति में संतुलित जीवनशैली और नियमित मॉनिटरिंग आवश्यक है।”
इलाज के तरीके
ब्रेन एन्यूरिज़्म के लिए मुख्य रूप से तीन प्रकार के इलाज मौजूद हैं।
पहला, सर्जिकल क्लिपिंग। इसमें दिमाग़ की धमनी पर एक मेटल क्लिप लगाकर खून का बहाव रोक दिया जाता है। यह स्थायी उपाय माना जाता है लेकिन जटिल भी है।
दूसरा, एंडोवैस्कुलर कॉइलिंग। इसमें नस के भीतर एक कैथेटर डालकर धातु की कॉइल लगाई जाती है ताकि खून का बहाव एन्यूरिज़्म तक न पहुंचे। यह अपेक्षाकृत कम चीरफाड़ वाला तरीका है।
तीसरा, फ़्लो डायवर्ज़न। इसमें स्टेंट लगाया जाता है ताकि खून का दबाव एन्यूरिज़्म पर न पड़े और धीरे-धीरे वह भर जाए। यह बड़े और कठिन एन्यूरिज़्म में उपयोगी है।
ब्रेन एन्यूरिज़्म से बचने के लिए धूम्रपान और शराब से दूरी रखना ज़रूरी है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना, तला-भुना और ज़्यादा नमक वाला भोजन कम करना, नियमित व्यायाम करना और वज़न को नियंत्रित रखना जरूरी है। जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को यह बीमारी रही हो, उन्हें समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए।
सलमान के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। लाखों लोगों ने उनके लिए शुभकामनाएँ दीं। किसी ने लिखा, “सलमान भाई, आप असली हीरो हैं।” किसी ने कहा, “आपकी जिजीविषा हमें प्रेरणा देती है, जल्दी स्वस्थ हो जाइए।”
सलमान का कहना कि वह चल नहीं पाते फिर भी डांस करते हैं, पसलियों में चोट के बावजूद एक्शन करते हैं, हमें यह दिखाता है कि उन्होंने जीवन की कठिनाइयों से हार मानना नहीं सीखा। वह आज भी अपनी हिम्मत और सकारात्मक सोच से आगे बढ़ रहे हैं।
सलमान ख़ान आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में गिने जाते हैं। उनका करियर, उनकी लोकप्रियता और उनका जज़्बा उन्हें अलग पहचान देता है। लेकिन उनकी हाल की स्वीकारोक्ति यह याद दिलाती है कि पर्दे के पीछे हर चमकदार चेहरे की अपनी निजी चुनौतियाँ होती हैं।
ब्रेन एन्यूरिज़्म जैसी बीमारी ख़तरनाक है, लेकिन समय पर इलाज और सही जीवनशैली से इससे बचा जा सकता है। सलमान ख़ान की कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न हों, इच्छाशक्ति और हिम्मत से इंसान उन्हें पार कर सकता है।
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