
मुंबई। 90 और 2000 के दशक में अगर किसी चेहरे ने दर्शकों को अपनी मुस्कान और अदाओं से दीवाना बनाया, तो उनमें से एक नाम रीमा सेन का भी है। एक ऐसी एक्ट्रेस, जिसने विज्ञापनों और म्यूजिक वीडियोज़ से शुरुआत कर न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी अलग पहचान बनाई। आज भले ही वह पर्दे से दूर हैं, लेकिन उनके किरदार और स्क्रीन प्रेज़ेंस आज भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा हैं।
शुरुआती सफर: कोलकाता की गलियों से मायानगरी तक
29 अक्टूबर 1981 को कोलकाता में जन्मीं रीमा सेन बचपन से ही कला और अभिनय के प्रति झुकाव रखती थीं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई सेंट थॉमस स्कूल, कोलकाता से पूरी की। पढ़ाई के बाद उनका परिवार मुंबई आ गया — और यहीं से उनके सपनों ने उड़ान भरी।
मुंबई में रीमा ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की। उनके आत्मविश्वास और स्क्रीन पर सहजता ने जल्द ही विज्ञापन निर्माताओं का ध्यान खींचा। उन्होंने कई बड़े ब्रांड्स के एड शूट किए और कुछ म्यूज़िक वीडियोज़ में भी नज़र आईं। यही वह दौर था जब कैमरे के सामने उनकी सहजता और आकर्षण ने उन्हें फिल्मों की दुनिया के दरवाज़े तक पहुंचाया।
साउथ सिनेमा में धमाकेदार एंट्री
रीमा सेन की पहली फिल्म थी तेलुगू फिल्म ‘चित्रम’ (2000), जिसमें उन्होंने अभिनेता उदय किरण के साथ काम किया। यह फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई और रीमा को रातों-रात साउथ की नई स्टार के रूप में पहचान मिल गई। फिल्म के गीत, कहानी और दोनों कलाकारों की केमिस्ट्री ने दर्शकों के दिल जीत लिए।
इसके बाद रीमा ने तमिल सिनेमा की ओर रुख किया और 2001 में रिलीज़ हुई ‘मिन्नाले’ में नजर आईं, जिसमें उनके अपोजिट आर. माधवन थे। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही बल्कि रीमा को दक्षिण भारतीय दर्शकों के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा बना दिया। ‘मिन्नाले’ की सफलता ने उन्हें इंडस्ट्री में कई नए अवसर दिलाए।
अगले कुछ वर्षों में रीमा ने ‘थिमिरु’, ‘वल्लावन’, ‘रेंडू’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इनमें से कई फिल्मों में उन्होंने मजबूत किरदार निभाए, जो न सिर्फ ग्लैमर बल्कि अभिनय की गंभीरता भी दर्शाते थे। साउथ इंडस्ट्री में वह उस दौर की प्रमुख एक्ट्रेस मानी जाती थीं, जिनकी मौजूदगी किसी फिल्म की सफलता की गारंटी बन गई थी।
बॉलीवुड में पहचान की तलाश
रीमा सेन का बॉलीवुड डेब्यू 1999 में रिलीज़ हुई ‘हम हो गए आपके’ से हुआ, जिसमें उन्होंने फरदीन खान के साथ स्क्रीन शेयर की। हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन रीमा के लुक्स और अभिनय ने दर्शकों का ध्यान खींचा।
बाद में उन्होंने ‘जाल: द ट्रैप’, ‘मालामाल वीकली’, ‘आक्रोश’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्मों में काम किया। ‘मालामाल वीकली’ में उनका कॉमिक टाइमिंग दर्शकों को खूब पसंद आया, जबकि अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ (2012) ने उनके करियर को एक नया आयाम दिया। इस फिल्म में उन्होंने मनोज बाजपेयी की पत्नी की भूमिका निभाई और अपने दमदार प्रदर्शन से आलोचकों की सराहना हासिल की। यह उनके करियर का ऐसा पड़ाव था जिसने साबित किया कि रीमा सिर्फ ग्लैमरस रोल तक सीमित नहीं, बल्कि सशक्त अभिनय भी कर सकती हैं।
पर्दे से दूरी और निजी जीवन
2012 में रीमा सेन ने अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू किया। उन्होंने दिल्ली के बिजनेसमैन शिव करन सिंह से शादी की। शादी के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली और परिवार पर ध्यान देना शुरू किया। 2013 में उन्होंने अपने बेटे रुद्रवीर को जन्म दिया।
रीमा ने इंटरव्यूज़ में कहा था कि उन्होंने परिवार और निजी जीवन को प्राथमिकता देने का फैसला खुद की इच्छा से लिया। हालांकि फिल्मी दुनिया से दूर रहने के बावजूद, वह कभी-कभी सोशल मीडिया और इवेंट्स में नज़र आती हैं, जहां उनकी सादगी और एलिगेंस अब भी लोगों को आकर्षित करती है।
सिनेमा में रीमा की विरासत
रीमा सेन उन अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने बिना किसी फिल्मी बैकग्राउंड के इंडस्ट्री में जगह बनाई। उन्होंने हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों — दोनों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा से दर्शकों को प्रभावित किया। चाहे ‘चित्रम’ जैसी रोमांटिक फिल्में हों या ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी सशक्त कहानी — रीमा ने हर रोल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
उनका करियर बताता है कि एक अभिनेत्री केवल ग्लैमर या स्टारडम से नहीं, बल्कि अपने चयन और अभिनय की गहराई से पहचानी जाती है। यही वजह है कि आज भी जब साउथ और बॉलीवुड के बीच का पुल बनने वाली अदाकाराओं की बात होती है, तो रीमा सेन का नाम जरूर लिया जाता है।
अब कहां हैं रीमा सेन?
आज रीमा सेन फिल्मों से दूर एक शांत, पारिवारिक जीवन जी रही हैं। वह अक्सर अपने बेटे और पति के साथ समय बिताती हैं और सार्वजनिक आयोजनों में कम ही दिखाई देती हैं। हालांकि उनके चाहने वाले अब भी सोशल मीडिया पर उनकी पुरानी तस्वीरें और फिल्मों के क्लिप्स साझा करते रहते हैं।
कई फैन क्लब्स और पेजों पर आज भी ‘मिन्नाले’ और ‘चित्रम’ के सीन्स वायरल होते रहते हैं। यह बताने के लिए काफी है कि भले ही रीमा अब कैमरे के सामने नहीं आतीं, लेकिन दर्शकों के दिलों में उनकी जगह अब भी बरकरार है।
रीमा सेन का सफर इस बात का प्रमाण है कि सच्ची प्रतिभा को पहचानने के लिए समय ज़रूरी है, लेकिन एक बार पहचान मिलने के बाद वह हमेशा कायम रहती है। उन्होंने मॉडलिंग से शुरुआत की, साउथ में स्टारडम हासिल किया, बॉलीवुड में प्रयोग किए और फिर एक संतुलित जीवन का रास्ता चुना।
आज जब इंडस्ट्री में रीमा जैसी कलाकारों की कमी महसूस होती है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने पर्दे से दूर होकर भी सिनेमा में अपनी छाप छोड़ दी है — एक ऐसी छाप जो वक्त के साथ और गहरी होती चली जा रही है।
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