जंगल के सन्नाटे में मौत की कहानी


बांसवाड़ा के वरेठ जंगल में युवक-युवती की लाशें मिली, पेड़ पर फंदे में फंसा था युवक का शव — 30 फीट दूर मिली युवती की लाश

बांसवाड़ा। बांसवाड़ा का वरेठ गांव… राजस्थान और गुजरात की सीमा से सटा एक ऐसा इलाका, जहां घने जंगल और सुनसान पगडंडियां देखकर दिन में भी डर का अहसास हो जाता है। बुधवार की सुबह, जब कुछ ग्रामीण लकड़ी काटने के लिए जंगल की ओर गए, तो उन्हें वहां से आती एक तेज़ सड़ांध ने रोक दिया। पेड़ों के बीच से झांकता एक भयानक दृश्य था — एक पेड़ पर लटका फंदा, जिसमें युवक का सिर फंसा था, और नीचे ज़मीन पर उसका धड़ अलग पड़ा हुआ। कुछ ही दूरी पर अर्धनग्न अवस्था में एक युवती का सड़ा-गला शव पड़ा था।

गांव में खबर पहुंची, तो सन्नाटा चीखों में बदल गया। पुलिस पहुंची तो खुद भी हैरान रह गई — क्योंकि यह कोई साधारण मौत नहीं लग रही थी।

फंदे में सिर, नीचे पड़ा शरीर

मौके पर जो दृश्य था, उसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। युवक का सिर फंदे में उलझा हुआ था, जबकि शरीर का हिस्सा नीचे ज़मीन पर पड़ा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शव कई दिन पुराना है और सड़ने की वजह से सिर अलग होकर नीचे गिर गया।

पास ही करीब 30 फीट की दूरी पर युवती का शव मिला। उसका शरीर मिट्टी से चिपक चुका था, कपड़े अस्त-व्यस्त थे और शरीर पर चीटियों का झुंड रेंग रहा था।

पहचान खुली — गुजरात के थे दोनों

जांच के दौरान पुलिस को युवक की जेब से आधार कार्ड मिला। उससे उसकी पहचान धर्मेश (20) पुत्र मुकेश भाई, निवासी सेमलिया, थाना संतरामपुर, जिला माहीसागर (गुजरात) के रूप में हुई। वहीं युवती की पहचान शीतल बेन (18) पुत्री लवजी भाई गरासिया, निवासी गडरा, थाना फतेहपुरा, जिला दाहोद (गुजरात) के रूप में हुई।
दोनों के गांवों के बीच मुश्किल से दस किलोमीटर की दूरी है — यानी दोनों एक-दूसरे को जानते होंगे, शायद करीब भी रहे हों।

ग्रामीणों ने दी सूचना, पुलिस भी दंग रह गई

लकड़ी बीनने आए ग्रामीणों ने सबसे पहले दृश्य देखा। पेड़ पर लटका शव और नीचे लड़की की लाश। घबराकर उन्होंने स्थानीय समाजसेवी दिनेश को सूचना दी, जिन्होंने तुरंत आनंदपुरी थाना पुलिस को खबर दी। थानाधिकारी कपिल पाटीदार मौके पर पहुंचे, साथ ही मानगढ़ चौकी के हेड कॉन्स्टेबल पुष्पराज सिंह और टीम भी पहुंची। शवों को नीचे उतारा गया, FSL टीम बुलाई गई और सबूत जुटाने शुरू हुए।

तीन मोबाइल मिले — क्या इन्हीं में छिपा है राज़?

घटनास्थल से पुलिस को तीन मोबाइल फोन मिले हैं। अब यही मोबाइल इस रहस्यमयी मौत की सबसे अहम कड़ी माने जा रहे हैं। पुलिस ने साक्ष्य जुटाकर फोन FSL टीम को सौंप दिए हैं।

हत्या या आत्महत्या — अभी रहस्य बरकरार

मामले में अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि यह प्रेमी युगल की आत्महत्या है या किसी साज़िशन हत्या का परिणाम। युवक का फंदे पर लटकना और युवती का अर्धनग्न शव ज़मीन पर मिलना, दोनों ही हालात कई सवाल खड़े कर रहे हैं। अगर यह आत्महत्या थी तो दोनों ने एक साथ क्यों नहीं फांसी लगाई? अगर हत्या थी, तो हत्यारे ने शरीर को इस तरह क्यों छोड़ा?

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर टिकी पूरी जांच

बागीदौरा डीएसपी संदीप सिंह शक्तावत ने बताया कि लड़की के परिजन अभी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। दोनों के परिवार गुजरात के पड़ोसी जिलों से हैं। पुलिस ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का असली कारण स्पष्ट हो सकेगा।
फिलहाल पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है — प्रेम प्रसंग, ऑनर किलिंग, या फिर किसी तीसरे व्यक्ति की भूमिका।

जंगल की ख़ामोशी में दबे कुछ राज़…

वरेठ का वह जंगल अब पुलिस के पहरे में है। मगर पेड़ की शाख पर अभी भी झूलता वह टूटा फंदा —कुछ अनकहे सवाल पूछ रहा है। क्या यह प्रेम का अंत था या किसी नफरत की सज़ा? क्या धर्मेश और शीतल ने मौत को खुद चुना, या किसी ने उन्हें इसके लिए मजबूर किया?

जवाब शायद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दे दे…
या फिर जंगल के सन्नाटे में दबी कोई सच्चाई, जो अभी बोलने को तैयार नहीं।

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