आपातकालीन सहायता प्रणाली होगी सुदृढ़, ट्रॉमा केयर पर जोर : मुख्य सचिव


जयपुर। राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और सड़क सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में प्रदेश में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विभिन्न जागरूकता अभियानों से लेकर अधोसंरचना सुधार तक प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी, मृत्यु दर घटाने, यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के साथ-साथ आमजन में जिम्मेदारी की भावना विकसित करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं।

मुख्य सचिव सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें डब्ल्यूएचओ और एम्स के प्रतिनिधियों के साथ सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर कम करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपातकालीन स्थिति में घायलों को सबसे कम समय में प्रभावी उपचार मिले, इसके लिए एम्बुलेंस रिस्पॉन्स टाइम और इमरजेंसी केयर सिस्टम में सुधार पर विशेष फोकस किया जाए।

ट्रॉमा केयर के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग

डब्ल्यूएचओ के नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर डॉ. बी. मोहम्मद अशील ने बताया कि एम्स और डब्ल्यूएचओ की संयुक्त सहभागिता से राजस्थान में ट्रॉमा केयर के एकेडमिक प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। ‘चैंपियन्स ऑफ चेंज ट्रेनिंग प्रोग्राम’ के माध्यम से—ट्रॉमा केयर सिस्टम को तकनीकी रूप से मजबूत किया जाएगा।

मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ तथा प्रशासकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। आपात स्थितियों में त्वरित उपचार उपलब्ध कराने की क्षमता बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं का उद्देश्य राज्य में ट्रॉमा केयर सर्विसेज को अधिक तेज, वैज्ञानिक और प्रभावी बनाना है।

बैठक में शामिल रहे वरिष्ठ अधिकारी

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रवीण गुप्ता; प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा, गायत्री ए. राठौड़; शासन सचिव, परिवहन विभाग, शुचि त्यागी; परिवहन आयुक्त पुरुषोत्तम शर्मा सहित डब्ल्यूएचओ और एम्स के अधिकारी मौजूद रहे।

राज्य सरकार को उम्मीद है कि इन संयुक्त प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और आपातकालीन सहायता प्रणाली पहले से बेहतर और अधिक संवेदनशील बन सकेगी।

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