उदयपुर। आप के सांसद राघव चड्ढा और एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा शादी के बंधन में बंधने के लिए उदयपुर आ गए हैं। मेहमानों के आने का भी सिलिसला जारी है। दरअसल की राघव की बारात नावों में निकाले जाने की चर्चा है। इसको लेकर जिला कलेक्टर व परिवहन विभाग को शिकायत की गई है कि जिस होटल तक जाने का रास्ता सड़क मार्ग से है, उसके मेहमानों को या किसी बारात को नाव में जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अब सवाल यह है कि प्रशासन की शादी पर कितनी नजर रहती है और नावों में बारात निकली तो क्या कानून के हाथ इन नावों तक पहुंच पाएंगे?
वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक सिंघवी ने इस मामले को उठाते हुए प्रशासन को पत्र लिखा था। उन्होंने जानकारी चाही है कि क्या शाही शादी के लिए नावों में बारात निकालने की इजाजत दी गई है? अगर दी गई है तो किस कानून के लिए परमिशन दी है? इसमें होटल व शादी इवेंट कंपनी ने किन किन नियमों का उल्लंघन किया है। वहीं अधविक्ता राघवेंद्र सिंह समीजा ने ई-मेल के जरिये प्रशासन को पत्र लिख कर पीछोला झील मे गणगौर बोट पंजियन सँख्या RJ-27, RB -0012 द्बारा बारात निकालने के सदर्भ मे समुचित कार्यवाही करने की बात कही है। पत्र में लिखा है कि उदयपुर की झीलो के हित व नागरिक सुरक्षा के संदर्भ मे अवगत करवाया जा रहा है-राघव चढ्ढा के 23/09/2023 से आयोजित विवाह समारोह मे झील मे बारात निकालने का एक ईवेन्ट रखा है जो गणगौर बोट (RJ 27 RB -0012) में रखा जाना हे ।
उदयपुर की झीलो मे बोट का उपयोग पर्यटकों के परिवहन के लिए किया जाता है तथा गणगौर उत्सव के अवसर पर सवारी निकाली जाती है। इस तरह के इवेन्ट आयोजन से प्रदूषण के साथ जल जीवों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा तथा झीलो का व्यवसायिकरण होगा जो सही नहीं है।
यह इवेन्ट भी पुर्णतः एक इवेन्ट मैनेजमेंट कम्पनी के द्वारा आयोजित कर्मशियल गतिविधियों मे सम्मिलित है। इसके लिए बोट की स्वीकृति नहीं है और इसका इस कार्य में उपयोग नही किया जा सकता है। अधिवक्ता ने पूछा है कि राजस्थान बोट रेग्यलेशन एक्ट 1956 तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान के द्वारा बोट सेफ्टी ने नियम 2017 की समुचित पालना सुनिश्चित की जा रही है या नहीं।
अतः इस बोट की क्षमता 50 सीटर है। लाईफ जेकेट, समुचित सुरक्षित व्यवस्था के साथ पर्यटन के रूप मे ही इसका उपयोग होना सुनिश्चित करवाने का श्रम करावें।
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