वक्ता बोले-जिला बनने के बाद झाड़ोल में विकास का सुनहरा सूरज उगेगा
उदयपुर। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में 19 जिलों की घोषणा के बाद अब उदयपुर के दूरस्थ जनजाति बहुल अंचल झाड़ोल को जिला बनाने की मांग को लेकर झाड़ोल जिला बनाओ संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को झाड़ोल पंचायत समिति सभागार में प्रधान राधादेवी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान मौजूद लगभग 100 ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त ताराचंद मीणा के समक्ष झाड़ोल को जिला बनाने की मांग को लेकर अपना पक्ष रखा।
20 सड़कें मंजूर की हैं : आयुक्त
जनजाति आयुक्त मीणा ने कहा कि यह क्षेत्र जिला मुख्यालय से 170 किमी दूरी पर 85 प्रतिशत जनजाति आबादी वाला विकास की दौड़ से अत्यंत पिछड़ा है। क्षेत्रीय विकास की मंशा से हाल ही में इस टीएडी द्वारा इस क्षेत्र में 20 सड़कें मंजूर की गई हैं। इसी प्रकार क्षेत्र में उगाए जाने वाले मिलेट्स को देखते हुए 3 करोड़ रुपये मिलेट्स के बीजों के वितरण के लिए भी स्वीकृति टीएडी से दी गई है।
5 लाख से ज्यादा आबादी होगी लाभान्वित :
आयुक्त मीणा ने कहा कि झाड़ोल को जिला बनाएं जाने की स्थिति में इस अंचल को विकास की मूलधारा में लाया जा सकेगा। आयुक्त मीणा ने कहा कि प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध होने के कारण जिला बनाने पर इनका भरपूर लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि झाड़ोल-कोटड़ा के 597 गांवों को मिलाकर जिला बनाने का है प्रस्ताव है और इसमें 3 लाख 86 हज़ार हेक्टेयर भूभाग शामिल है तथा 5 लाख 7 हज़ार जनसंख्या लाभान्वित होगी।
बैठक के आरंभ में पंचायत समिति की प्रधान राधा देवी ने स्वागत किया और कहा कि विकास की दृष्टि से झाड़ोल को जिला बनाने की प्रबल संभावना है। उन्होंने कहा कि झाड़ोल जिला बनाओ संघर्ष समिति इसे जिला बनाने के लिए अपनी मांग पुरजोर तरीके से राज्य सरकार को प्रस्तुत कर रही है, इसमें मार्गदर्शन अपेक्षित है।
इस मौके पर समाजसेवी सुनील कुमार बजात, अमरसिंह झाला, प्रकाश बरंडा, डॉ. रणजीत जैन, रामचंद्र जेदावत, नीलम राजपुरोहित, पुष्करलाल गोराणा सहित कई वक्ताओं ने झाड़ोल जिला बनाये जाने पर इसके पिछड़ेपन के दूर होने की संभावनाएं जताई गई।
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