शिल्पग्राम उत्सव : मेवाड़ में गूंजेगा पूरे देश का लोक संगीत…दस दिन तक जमेगा विभिन्न संस्कृतियों का मेला

उदयपुर। शिल्पग्राम में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की ओर से 21 दिसंबर से आयोजित होने वाले शिल्पग्राम उत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

इस वृहद सांस्कृतिक आयोजन में शरीक होने के लिए मंगलवार शाम तक देशभर के अधिकतर लोक कलाकार पहुंच चुके हैं। वहीं, यहां लगने वाली हस्तशिल्प के उत्पादों की स्टाल्स भी तैयार हो चुके हैं। पूर्व में ही आवंटित करीब चार सौ स्टाल्स में से मंगलवार शाम तक 135 आर्टिजन पहुंचकर अपने स्टाल्स जमाने में लग चुके हैं। बता दें, इस उत्सव में 500 से अधिक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यहां गुरुवार से देशभर के लोक संगीत की गूंज के साथ विभिन्न संस्कृतियों का मेला शुरू हो जाएगा।


पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि उत्सव में अपनी परफोरमेंस देने पहुंचे कलाकारों के ग्रुप्स ने शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर रिहर्सल शुरू कर दिया है। इनमें खासतौर से ओडिशा के गोटीपुआ, गुजरात के सिद्धि धमाल और राठवा, पश्चिम बंगाल का छाउ, राजस्थान के किशनगढ़ का चरी आदि नृत्यों के ग्रुप पूरी शिदृत से रिहर्सल कर रहे हैं। इनके साथ ही छत्तीसगढ़ के बस्तर के ककसार, ओडिशा का पाईका अखाड़ा, गुजरात के गरबा और मणिपुर के पुंग चोलम डांस के कलाकार भी जमकर अभ्यास कर रहे हैं।


स्टाल्स में मिलेंगे ये प्रोडक्ट—
यहां देश के तमाम हिस्सों से आर्टिजन अपने उत्पाद लाएंगे। इनमें मीनाकारी ज्वेलरी, खिलौने, शॉल, पोटरी, लाख की चूड़ियां, टेराकोटा, एम्ब्रोडरी आइटम्स, हैंडलूम, लेदर, जरी, गुजराती सिल्क साड़ियां, राजस्थान की टाई—डाई, मारबल आदि के प्रोडक्टृस से लेकर सूखे मेवे तक उपलब्ध होंगे।

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