उदयपुर देहात कांग्रेस में नई पारी : रघुवीर मीणा ने संभाला कमान, भाजपा पर नाम काटने का बड़ा आरोप

उदयपुर। उदयपुर देहात कांग्रेस के नए अध्यक्ष रघुवीर सिंह मीणा ने सूरजपोल स्थित आर.एम.वी. सभागार में कार्यभार ग्रहण करते ही संगठन में फैली खींचतान और अंतर्कलह को समाप्त कर एकजुटता की अपील की। मीणा ने साफ कहा कि अब समय राग-द्वेष खत्म करने का है, और सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को एक ही जाजम पर बैठकर कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि वे स्वयं हमेशा उपलब्ध रहेंगे, मोबाइल कभी बंद नहीं रखते, और आधी रात को भी कार्यकर्ताओं की बात सुनना अपनी जिम्मेदारी मानते हैं।

अपने संबोधन में मीणा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए यह गंभीर आरोप लगाया कि राजस्थान में भाजपा एसआईआर (Special Summary Revision) के दौरान लगभग 25 लाख मतदाताओं के नाम काटने की तैयारी कर रही है। उनका कहना था कि यह प्रयास खासकर ग्रामीण और किसान वोटरों को निशाना बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर नाम जुड़वाने की मुहिम चलानी होगी। मीणा ने यहां तक कहा कि हर कार्यकर्ता को “राहुल गांधी बनकर” इस काम में जुटना होगा ताकि मतदाता सूची से किसी गरीब, किसान या ग्रामीण का नाम न कटे।

हालांकि कार्यक्रम में भीतरी सियासत की झलक भी दिखी। देहात क्षेत्र से आने वाले दोनों विधायक—खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार और मावली विधायक पुष्करलाल डांगी—पूरे आयोजन से नदारद रहे। इसके साथ ही सांसद चुनाव लड़ चुके ताराचंद मीणा भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। ऐसे में यह गैर-मौजूदगी स्थानीय संगठन में जारी खींचतान और असहमतियों की ओर इशारा करती है।

इसके बावजूद कार्यक्रम में पूर्व देहात कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी, लालसिंह झाला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ सहित बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। चौधरी ने मंच से कहा कि संगठन सृजन अभियान के तहत सभी की राय लेकर शीर्ष नेतृत्व ने रघुवीर सिंह मीणा को अध्यक्ष बनाया है, अब सभी की जिम्मेदारी है कि एकजुट होकर संगठन को मजबूत करें।

रघुवीर मीणा ने भी मंच से स्वीकार किया कि राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई हर जगह होती है, कोई सफल होता है कोई नहीं, लेकिन उनके कार्यकाल में पार्टी हित सर्वोपरि रहेगा और उसमें कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, आदेश सबको मानना पड़ेगा, और वे स्वयं भी आज तक नेतृत्व के फैसलों के आगे कभी नहीं कह पाए।

कार्यक्रम में सलूंबर जिला कांग्रेस अध्यक्ष परमानंद मेहता, पूर्व देहात अध्यक्ष ख्याली लाल सुहालका, पीसीसी उपाध्यक्ष हीरा लाल दरांगी, पीसीसी महासचिव राज सिंह झाला, पूर्व मंत्री डॉ. मांगी लाल गरासिया, पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री डॉ. शंकर यादव, प्रीति शक्तावत, जगदीश राज श्रीमाली, बसंती देवी मीणा, सज्जन कटारा, पूर्व शहर अध्यक्ष नीलिमा सुखाड़िया, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, पीसीसी सचिव दिनेश श्रीमाली, पूर्व उप जिला प्रमुख लक्ष्मीनारायण पंड्या, शहर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह और संगठन महासचिव गजेंद्र कोठारी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद रहे।

कार्यभार ग्रहण समारोह में कार्यकर्ताओं में उत्साह तो दिखा, मगर विधायकों की अनुपस्थिति ने यह संकेत भी दिया कि नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती आंतरिक एकजुटता स्थापित करने की होगी। साथ ही, भाजपा पर मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस आगामी चुनावों के लिए जमीनी संगठन को तुरंत सक्रिय मोड में लाना चाहती है।

 

Udaipur Dehat Congress, Raghuveer Singh Meena, new president, BJP allegation, 25 lakh voters, SIR revision, Rajasthan politics, Congress workers, missing MLAs, Dayaram Parmar, Pushkarlal Dangi, Tarachand Meena, organizational unity, rural voters, political analysis, Congress leadership, voter list controversy

About Author

Leave a Reply