अध्याय 1: दबी हुई आवाज़ें
उदयपुर के एक सामान्य सा मोहल्ला, जहां हर सुबह सूरज की किरणें लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाती हैं। लेकिन, इस मोहल्ले में एक नाम है जो धीरे-धीरे लोगों के मन में खौफ पैदा कर रहा था — जयमल सिंह राठौड़। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का संभागीय उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी, जिसके पास थी अनगिनत ताकतें, लेकिन उसने उनका इस्तेमाल गलत तरीकों से किया।
अध्याय 2 : रहस्य और गंदगी
जयमल के घर में हमेशा चहल-पहल रहती थी। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि उसके इस जीवन के पीछे एक गहरा रहस्य छिपा था। जब एसीबी की टीम ने उसके घर पर छापा मारा, तब उन्होंने जो देखा, वो एक झलक थी उस अंधेरे की दुनिया की जिसमें जयमल ने अपने लिए एक साम्राज्य खड़ा किया था।
अध्याय 3 : एसीबी की छापेमारी
एक सुबह, एसीबी की टीम ने जयमल के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सभी अधिकारियों के चेहरे पर तनाव था। उनके पास एक गुप्त सूचना थी जो बता रही थी कि जयमल ने अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी। छापेमारी के दौरान, जब जयमल के घर से हिरण के सींग, वन्यजीवों के नाखून और 100 से अधिक महंगी शराब की बोतलें बरामद हुईं, तो सब हैरान रह गए।
अध्याय 4 : अवैध संपत्ति का खुलासा
एसीबी की रिपोर्ट में जयमल की संपत्तियों की लंबी सूची थी। सरदारपुरा योजना में एक विशाल मकान, सज्जनगढ़ रोड पर एक आलीशान होटल, और खमनोर में कई आवासीय भूखंड। चार महंगी लग्जरी कारें और लाखों की नगदी इस बात का सबूत थीं कि जयमल ने अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार की दुनिया में कदम रखा था।
अध्याय 5 : गिरफ्तारी का क्षण
जैसे ही एसीबी ने जयमल को गिरफ्तार किया, उसकी दुनिया ने एक नया मोड़ लिया। भूपालपुरा थाना पुलिस ने उसे आबकारी अधिनियम और वन्यजीवों के संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया। थानाधिकारी मुकेश सोनी ने कहा, “हमने उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।”
अध्याय 6 : भयावह सच
जयमल का मामला एक सबक था, एक चेतावनी उन सभी के लिए जो अपने पद का दुरुपयोग कर समाज को नुकसान पहुँचा रहे थे। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में जांच जारी थी, जो इस बात की खोज में थी कि जयमल ने कितनी संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की थी।
अध्याय 7 : अंत में
इस कहानी का अंत नहीं है। यह एक नई शुरुआत है, एक ऐसे सिस्टम की सफाई की जो लंबे समय से भ्रष्टाचार के जाल में उलझा हुआ था। जयमल सिंह राठौड़ की दास्तान, एक दर्पण है, जो हमें बताता है कि सच्चाई हमेशा एक दिन सामने आती है, और जो भी गलत करेगा, उसे उसका परिणाम भोगना होगा।
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