फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। शहर के प्रमुख रास्तों से जब भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण पर निकले, तो मानो पूरा उदयपुर आस्था में डूब गया। पारंपरिक रथ यात्रा में शामिल होकर श्रद्धालुओं ने न केवल भक्ति भाव से अपने आराध्य के दर्शन किए, बल्कि उनके नगर भ्रमण को शहर की सुरक्षा से जोड़ते हुए यह संदेश भी दिया कि जहां धर्म चलता है, वहां व्यवस्था भी अपने आप संवर जाती है।
भक्तों की भीड़, धार्मिक ध्वनियों की गूंज, फूलों की वर्षा और अनुशासित जुलूस ने साबित कर दिया कि उदयपुर न सिर्फ पर्यटन नगरी है, बल्कि आस्था और अनुशासन की मिसाल भी है। रथ के आगे पुलिस बल, स्वयंसेवी संगठन, और नगर निगम की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद थीं, जिससे जुलूस शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से सम्पन्न हुआ।
जैसे ही भगवान जगन्नाथ का रथ शहर की सड़कों पर आगे बढ़ा, भक्तों ने ‘जय जगन्नाथ’ के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी, और हर मोड़ पर श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखा गया।
शहरवासियों का कहना था कि भगवान जगन्नाथ का नगर भ्रमण केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह भरोसा भी है कि जब वे निकलते हैं, तो शहर की सुरक्षा स्वयं ईश्वर के संरक्षण में आ जाती है।
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