डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की बालिका शिक्षा और डिजिटल क्रांति प्रोत्साहन पहल

उदयपुर। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन के न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बालिका शिक्षा में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उनके नेतृत्व में ट्रैवल कम्पनी ए. एंड के. इंडिया के सहयोग से राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, जगदीश चौक, उदयपुर को 10 कंप्यूटर सेट भेंट किए गए हैं।

डिजिटल सशक्तिकरण का उद्देश्य

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं को डिजिटल रूप से सशक्त और कुशल बनाना है। वर्तमान समय की मांग को देखते हुए, ये कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा सामग्री के साथ उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे छात्राएं तकनीकी क्षेत्र में अपनी क्षमता को पहचान सकेंगी। इसके साथ ही, फाउंडेशन ने एक वर्ष के लिए फ्री इंटरनेट सेवा भी उपलब्ध करवाई है, जो कि छात्रों की डिजिटल शिक्षा को और भी सरल बनाएगी।

स्कूल के विकास में सहयोग

इस पहल के अंतर्गत, फाउंडेशन ने स्कूल के जीर्णोद्धार और रंग-रोगन का कार्य भी करवाया है। विद्यालय की प्रिंसिपल रुचि पारिक ने इस सहयोग के लिए डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का धन्यवाद किया और बताया कि उन्होंने वर्ष 2023 में स्कूल की बालिकाओं का वार्षिक शुक्ल जमा करवाने की परंपरा का पालन किया है, जो मेवाड़ महाराणाओं की विद्यादान की परंपरा का एक हिस्सा है।

ऐतिहासिक शिक्षा की परंपरा

यह उल्लेखनीय है कि उदयपुर में शिक्षा की शुरुआत महाराणा शंभु सिंह के शासनकाल (1861-1874) में हुई थी, जब राज्य का पहला स्कूल जनवरी 1863 में खोला गया था। उस स्कूल का नाम शंभुरत्न पाठशाला रखा गया था। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन ने ‘उदयपुर में शिक्षा’ परियोजना के तहत स्कूल भवन के संरक्षण और संवर्धन के लिए कई परियोजनाओं का बीड़ा उठाया है, जो कि 2015 से 2017 के बीच तीन चरणों में पूर्ण हुई थीं।

इस प्रकार, डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की इस पहल से न केवल बालिका शिक्षा को एक नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह समाज के प्रगतिशील विकास में भी सहायक सिद्ध होगी। इस तरह के प्रयासों से बालिकाओं को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।

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