पूर्व महापौर रजनी डांगी के पति वीरेंद्र डांगी का निधन : सेवा, साधना और सौम्यता का नाम था वीरेंद्र डांगी

उदयपुर। कुछ लोग चले जाते हैं, मगर उनकी छांव वक्त की तपती दोपहरी में हमेशा हमारे सिर पर बनी रहती है। आज उदयपुर ने अपना एक ऐसा सपूत खो दिया है, जिसकी चुपचाप की गई सेवाओं की गूंज समाज के कोने-कोने तक फैली थी।प्रसिद्ध उद्योगपति, सामाजिक संगठनों के ध्वजवाहक और पूर्व महापौर श्रीमती रजनी डांगी के जीवनसाथी, “Veerendra Dangi” वीरेंद्र डांगी अब इस संसार में नहीं रहे। देवलोक गमन का समाचार जैसे उदयपुर के आंगन में उदासी का बादल बनकर छा गया।

“Veerendra Dangi” वीरेंद्र डांगी केवल खनिज व्यवसाय के साधक नहीं थे, वे सामाजिक चेतना के मूर्तिमान उदाहरण थे। देवेंद्र धाम के कार्यकारी अध्यक्ष, तारक गुरु ग्रंथालय के महामंत्री, स्थानकवासी जैन सेवक संघ के अध्यक्ष जैसे दायित्वों को उन्होंने निस्वार्थ भाव से निभाया। राजस्थान जैन कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष रहे डांगी साहब का जीवन समाज के लिए समर्पण की परिभाषा था।

वे फील्ड क्लब उदयपुर के मानक सचिव रहे “Veerendra Dangi”— एक ऐसा पद, जिसे उन्होंने मात्र पद की गरिमा से नहीं, बल्कि अपने कर्म और विनम्रता से अर्थ दिया।

लघु उद्योग भारती के प्रांतीय अध्यक्ष रहे वीरेंद्र डांगी का मानना था कि छोटे उद्योग देश की आत्मा हैं — और इस विश्वास को उन्होंने अपने काम से साबित भी किया।

श्रद्धा का यह सिलसिला केवल सामाजिक संगठनों तक सीमित नहीं रहा। श्रमजीवी कॉलेज और गुरु गोविंद सिंह विद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों के वे अध्यक्ष रहे — शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को शब्दों में बांधना सूरज को दीपक दिखाने जैसा होगा।

वे तारागुरु जैन ग्रंथालय, देवेंद्र धाम और गुरु पुष्कर तीर्थ जैसे धर्मस्थलों के ट्रस्टी रहे, और आचार्य शिव मुनि महाराज साहब के चातुर्मास संयोजन में उनकी भूमिका किसी आंतरिक साधना से कम नहीं थी। “Veerendra Dangi”

कभी ऊंचे स्वर में बोलते नहीं थे, मगर उनके काम की गूंज हमेशा दूर तक सुनाई देती थी।

वे मुस्कुराते थे, जैसे जीवन से कह रहे हों — “जो करना है, करते जाओ, शिकायत की कोई जगह नहीं।”

उनकी अंतिम यात्रा कल 28 अप्रैल, सोमवार को दोपहर 2:00 बजे, फ्लोरा कॉम्प्लेक्स से अशोक नगर स्थित मोक्षधाम के लिए प्रस्थान करेगी।

यह यात्रा सिर्फ उनके पार्थिव शरीर की नहीं होगी, यह यात्रा होगी एक युग के अवसान की। “Veerendra Dangi”

एक ऐसे इंसान की विदाई, जिसने शब्दों से अधिक कर्म से समाज को राह दिखाई।

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