उदयपुर में ‘द जील मार्शल आर्ट एंड फिटनेस पॉइंट’ का भव्य वार्षिक समारोह : 13 खिलाड़ी ब्लैक बेल्ट से सम्मानित, 7 विद्यार्थियों को मिला उत्कृष्ट बालक-बालिका पुरस्कार



उदयपुर। उदयपुर के सेक्टर 4 स्थित अटल सभागार में आज ‘द जील मार्शल आर्ट एंड फिटनेस पॉइंट’ द्वारा आयोजित वार्षिक ब्लैक एंड कलर बेल्ट वितरण समारोह तथा “उत्कृष्ट बालक-बालिका पुरस्कार 2025” का आयोजन उत्साह, अनुशासन और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर शहरभर से अभिभावकों, शिक्षकों और मार्शल आर्ट प्रेमियों की उपस्थिति देखने को मिली।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर मंचासीन विशिष्ट अतिथियों में उदयपुर सिटी के माननीय विधायक ताराचंद जैन, उप जिला शिक्षा अधिकारी (शारीरिक शिक्षा) लक्ष्मण दास वैष्णव, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक के. के. गुप्ता, तथा बीजेपी एसी मोर्चा राजस्थान के प्रदेश आईटी प्रभारी संजय चंदेल शामिल रहे। सभी अतिथियों ने कार्यक्रम की सराहना की और बच्चों के आत्मविश्वास व अनुशासन की प्रशंसा की।

संस्था के डायरेक्टर रेंशी हरीश सांवरिया के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने आत्मरक्षा तकनीकों, कातास (Katas), स्पार्रिंग (Sparring) तथा डेमो ब्रेकिंग जैसी विभिन्न मार्शल आर्ट प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों की तकनीकी दक्षता और ऊर्जा से भरपूर प्रदर्शन ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों से तालियों की गूंज बटोरी।

इस वर्ष ब्लैक बेल्ट उपाधि प्राप्त करने वाले 13 खिलाड़ियों के नाम इस प्रकार हैं:
भव्य गर्ग, शनाया जैन, तेजस जैन, भविष्य जलानिया, विकास सालवी, हेमंत सालवी, कुणाल खनिवाल, दक्ष खनिवाल, हर्ष चौधरी, प्रगनय श्रीवास्तव, अविका भट्ट, देविका सिंह खींची और दीपिका नायक।

इसके अतिरिक्त, खेल, शिक्षा और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए “उत्कृष्ट बालक-बालिका पुरस्कार 2025” से सम्मानित विद्यार्थियों के नाम हैं:
अभिजय गर्ग, कुणाल खनिवाल, दीपिका नायक, लारीशा मेनारिया, रिद्धिमा सोनी, वैभव लोहार और निधि सेन।

रेंशी हरीश सांवरिया ने इस अवसर पर कहा, “मार्शल आर्ट केवल एक खेल नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक शैली है, जो बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और सकारात्मक सोच का विकास करती है।”

कार्यक्रम का समापन वुमेन सेल्फ डिफेन्स की प्रेरणादायक प्रस्तुतियों और आभार प्रदर्शन के साथ हुआ। आयोजन की सफलता में प्रशिक्षकों, अभिभावकों और स्वयंसेवकों की भूमिका को भी सराहा गया।

यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का प्रमाण था, बल्कि समाज में आत्मरक्षा, मानसिक दृढ़ता और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता को भी प्रभावी ढंग से रेखांकित करता है।

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