
उदयपुर | राजस्थान के पर्यटन नगरी उदयपुर में स्थित भुवाणा क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह पर्यटन या शाही शादी नहीं, बल्कि अवैध शराब के कारोबार का खुलासा है। राज्य आबकारी विभाग ने सोमवार देर रात मेरियट होटल में छापेमारी कर 36 बोतल प्रतिबंधित शराब जब्त की। इस कार्रवाई में होटल के मैनेजर समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
नकली लेबल और अंतरराज्यीय नेटवर्क का पर्दाफाश
अतिरिक्त आबकारी आयुक्त प्रदीप सिंह सांगावत ने बताया कि यह गिरोह हरियाणा में बिक्री योग्य शराब पर राजस्थान सरकार के नकली लेबल और होलोग्राम चिपकाकर मूल्यवर्धन कर से बचते हुए शराब की आपूर्ति होटल व दुकानों को करता था। इससे सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा था।
छापेमारी की रणनीति: तीन टीमें और दो ठिकाने
इस अभियान के तहत विभाग ने तीन टीमें गठित कीं। पहली टीम ने भुवाणा क्षेत्र के एक मकान पर छापा मारा, जहां से हरियाणा में बिक्री योग्य तीन बोतल शराब बरामद हुई। यहां से आरोपी आदिल को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के बाद आदिल ने खुलासा किया कि यह शराब मेरियट होटल में भी आपूर्ति की गई है। इसके बाद टीम ने होटल परिसर में दबिश दी, जहां से 36 बोतल प्रतिबंधित शराब जब्त की गई। मौके पर ही होटल मैनेजर अंकित सिकरवाल को भी गिरफ्तार किया गया।
शामिल अधिकारी और जांच की दिशा
इस कार्रवाई में आबकारी निरीक्षक मुरलीधर सौदा, नरेश सुहैल, मनीषा पुरोहित, और सहायक आबकारी अधिकारी गणपतलाल की सक्रिय भूमिका रही। उनके नेतृत्व में यह पूरी कार्रवाई संचालित की गई।
इसी दौरान एक अन्य मदिरा दुकान से भी संदिग्ध शराब जब्त की गई है, जिसकी विधिवत जांच जारी है। प्रारंभिक अनुमान है कि इस नेटवर्क की जड़ें अन्य बड़े होटलों और शराब दुकानों तक फैली हो सकती हैं।
कानूनी प्रक्रिया और हिरासत
गिरफ्तार आरोपी आदिल को आबकारी रिमांड पर लिया गया है ताकि पूरे नेटवर्क की जानकारी प्राप्त की जा सके। वहीं होटल मैनेजर अंकित सिकरवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बड़े होटल और नामी ब्रांड की आड़ में अवैध कारोबार
मेरियट जैसे प्रतिष्ठित होटल में इस तरह की गतिविधि सामने आना न केवल प्रबंधन की जवाबदेही पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे ब्रांड की आड़ में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह कार्रवाई होटल इंडस्ट्री को भी एक सख्त संदेश देती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं।
यह कार्रवाई बताती है कि राजस्थान जैसे पर्यटक राज्यों में अवैध शराब और टैक्स चोरी का नेटवर्क कितना गहराई से फैला हुआ है। प्रशासन की सक्रियता और समन्वित छापेमारी की रणनीति ने एक बड़ी अनियमितता को सामने लाया है। अब यह देखना अहम होगा कि आगे की जांच में और किन नामों का खुलासा होता है।
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