
राष्ट्रीय सेवक संघ के लिए अपने जीवन के 37 वर्ष समर्पित करने वाले यशवंत पालीवाल का विदाई समारोह एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण बन गया। पालीवाल ने विद्या भारती और सेवा भारती जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के माध्यम से शिक्षा और चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में अपनी अमूल्य सेवाएं दीं। उन्होंने अपनी निष्ठा और समर्पण से शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के साथ-साथ सेवा भारती अस्पताल की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए।

उनकी कार्यशैली और समर्पण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चाहे शिक्षा का दायित्व हो या चिकित्सा सेवा की चुनौती, उन्होंने हर कार्य को पूरी जिम्मेदारी और कुशलता से निभाया। पालीवाल ने अपनी सेवा के दौरान न केवल संस्थाओं को सशक्त बनाया, बल्कि हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाए।

पालीवाल के सेवा निवृत्त होने पर आयोजित विदाई समारोह में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, संघ के क्षेत्रीय और प्रांतीय पदाधिकारी, विधायक ताराचंद जैन, उद्योगपति अरविंद सिंघल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे। यह कार्यक्रम पालीवाल की सेवा भावना और उनकी अद्वितीय उपलब्धियों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था।

पालीवाल ने इस अवसर पर अपने उन सभी साथियों और मार्गदर्शकों को याद किया, जिन्होंने उनके जीवन में प्रेरणा और दिशा दी। उनके शब्दों में एक गहरी कृतज्ञता और सम्मान झलकता था, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
पालीवाल का जीवन इस बात का प्रमाण है कि समर्पण और कड़ी मेहनत से बड़े से बड़ा बदलाव संभव है। उनकी सेवाओं ने न केवल संघ को मजबूती दी, बल्कि समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ। पालीवाल ने अपने कार्यों से यह सिखाया कि सेवा का असली अर्थ दूसरों के जीवन में सुधार लाना है।

उनकी विदाई न केवल एक व्यक्ति के सेवा कार्य का समापन है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। ऐसे महान व्यक्तित्व को समाज हमेशा आदर और सम्मान के साथ याद करेगा।




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