
उदयपुर। उदयपुर की प्रसिद्ध स्वरूप सागर झील की गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुए होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष और बीसीआई टूरिज्म के चार्टर प्रेसिडेंट यशवर्धन राणावत ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि झील की स्थिति शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए एक बड़ा खतरा बन रही है।
राणावत ने हाल ही में स्वरूप सागर झील का दौरा किया और वहां की खस्ताहाल स्थिति की तस्वीरें साझा कीं, जो झील के जल की गुणवत्ता में तेज़ी से गिरावट को उजागर करती हैं। यह झील उदयपुर की प्रमुख जल संरचनाओं, पिछोला और फतेह सागर, से जुड़ी हुई है और शहर के लाखों लोगों की जल आपूर्ति में अहम भूमिका निभाती है।

अपने पत्र में उन्होंने कलेक्टर से आग्रह किया कि झील के बिगड़ते हालात को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसे नजरअंदाज किया गया, तो आने वाले समय में उदयपुर को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
होटल एसोसिएशन उदयपुर और बीसीआई टूरिज्म ने भी इस मुद्दे पर जनजागरूकता फैलाने और प्रशासन के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। राणावत ने कहा कि यह समस्या केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि उदयपुर की जीवनरेखा से जुड़ा सवाल है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ होटल उद्योग और नागरिकों को मिलकर झील की सफाई और संरक्षण के प्रयासों में जुटना चाहिए।

इस पत्र पर बीसीआई के संस्थापक मुकेश माधवानी, होटल एसोसिएशन अध्यक्ष सुदर्शन देव सिंह करोही और बीसीआई अध्यक्ष विप्लव कुमार जैन ने भी हस्ताक्षर किए। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि झील की मौजूदा हालत न सिर्फ पर्यटन के लिए, बल्कि शहर के नागरिकों की बुनियादी ज़रूरतों के लिए भी खतरा है।
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