शहीदे आज़म अशफ़ाक उल्ला खान को मुस्लिम महासंघ ने खिराजे अकीदत पेश की


उदयपुर। मुस्लिम महासंघ प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद दानिश अली ने बताया कि 19 दिसंबर 1927 को शहीदे आज़म अशफाक उल्ला खान ,रामप्रसाद बिस्मिल और राजेन्द्र लाहोड़ी को काकोरी कांड मे अंग्रेजो ने फ़ासी की सजा दी थी ।

फांसी के वक़्त अशफाक उल्ला खान ने यह पंक्तियाँ कही थी ” बहुत जल्द टूटेगी गुलामी की ये जंजीरे किसी दिन देखना आजाद ये हिन्दोस्तां होगा” मुस्लिम महासंघ ने अशफाक उल्ला खान को खिराजे अक़ीदत पेश करते हुए मल्लातलाई स्थित चिश्तिया पब्लिक स्कूल मे प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद हनीफ की अध्यक्षता मे रखा जिसके मुख्य अतिथि महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शफ़ी मेकेनिक थे।

स्कूल के प्रधानाचार्य साकिर हुसैन,मदरसा प्रधानाचार्य निशांत खान ने महासंघ के कार्यकर्ताओ का स्वागत करते हुए कहा की इतिहास की जानकारी बच्चो को जरूर होनी चाहिए देश के लिए शहिद होने वालो को याद करने से बच्चों मे देशप्रेम विकसित होता है । राष्ट्रीय सचिव इरफ़ान मुल्तानी ने आज़ादी कि लड़ाई पर विस्तार से जानकारी दी और बताया जिन्होंने कुर्बानी दे कर आज़ाद भारत दिया उसको दुनिया मे नम्बर वन बनाना है। मोईनुद्दीन रहमानी प्रदेश सचिव मुशताक खान साहब ने भी कहा अनुशासित जीवन और तालीम हासिल कर ही हम देश सेवा कर सकते है ।

महासंघ के माज़ीद खान शफ़ी इंजीनियर मोहसिन खान मजिद अहमद ने भी अपने विचार रखे । इस मोके पर संभागीय अध्यक्ष तोकिर रज़ा ने संचालन करते हुए सभी बच्चों को स्टेशनरी एवं जरूरत मंद बच्चों को अध्यक्ष हाजी मोहम्मद बक्ष ने बच्चों को इस मौके पर स्वेटर बाटे।

अंत में राष्ट्रीय गान के साथ समापन कर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शफ़ी इंजीनियर साहब के मार्गदर्शन से बच्चों स्कूल अध्यापको महासंघ के कार्यकर्ताओ ने रैली निकाल कर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट के आर सिद्दीकी, असलम खान,अयूब खान,शादाब खान,रेहान आलम ,ईश्तियाक हुसैन,आदि उपस्थित रहे ।

About Author

Leave a Reply