नारायण सेवा संस्थान का विशाल निःशुल्क अन्नदान एवं वस्त्र वितरण शिविर, 5000 से अधिक जरूरतमंदों को मिली राहत


उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान द्वारा रविवार को खामगांव, कोटड़ा में आयोजित विशाल निःशुल्क अन्नदान एवं वस्त्र वितरण शिविर मानव सेवा की एक अनुकरणीय मिसाल बना। इस सेवा अभियान के अंतर्गत 5000 से अधिक आदिवासी, गरीब एवं वंचित लोगों ने भोजन तथा आवश्यक सामग्री का लाभ उठाया। शिविर का मुख्य उद्देश्य शीत ऋतु में जरूरतमंद, असहाय और आदिवासी परिवारों को राहत प्रदान करना रहा।

शिविर के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी रहे। उन्होंने नारायण सेवा संस्थान द्वारा आदिवासी समाज के लिए किए जा रहे निरंतर सेवा कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान वर्षों से निःस्वार्थ भाव से समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और भोजन के क्षेत्र में संस्थान की सेवाएं आदिवासी अंचलों के लिए जीवनदायिनी सिद्ध हो रही हैं।

इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में 3000 से अधिक लोगों को गरम गुड़ मिश्रित खिचड़ी का भोजन कराया गया, जिसके लिए लगभग 1200 किलोग्राम अनाज का उपयोग किया गया। सर्दी से बचाव के लिए महिला एवं पुरुष लाभार्थियों को 2000 कंबल वितरित किए गए।

इसके अतिरिक्त शिविर में 500 धोती, 500 लुगड़ी, 1000 बच्चों की ड्रेस, 500 अतिरिक्त बच्चों की ड्रेस, 500 जोड़ी जूते-चप्पल, 500 पुरुष स्लीपर, 100 बच्चों के अंडरगारमेंट सेट, 1500 स्वेटर, मोजे व अन्य ऊनी वस्त्र तथा 1500 स्नान सामग्री किट (साबुन, टूथपेस्ट, ब्रश, कंघी आदि) वितरित की गई।

अग्रवाल ने बताया कि शिविर में वितरित की गई कुल सामग्री का अनुमानित वजन 10 टन से अधिक रहा, जिससे बड़ी संख्या में जरूरतमंद परिवारों को प्रत्यक्ष राहत मिली। उन्होंने कहा कि नारायण सेवा संस्थान का उद्देश्य केवल सेवा करना ही नहीं, बल्कि सेवा के साथ सम्मान प्रदान करना भी है।

शिविर के सफल आयोजन में संस्थान के स्वयंसेवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्थानीय सरपंचों, नागरिकों एवं दानदाताओं के सहयोग से यह सेवा शिविर सुव्यवस्थित एवं सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

यह शिविर इस बात का सशक्त प्रमाण बना कि जब समाज सेवा के लिए एकजुट होता है, तो जरूरतमंदों के जीवन में आशा, विश्वास और आत्मबल की नई रोशनी जगाई जा सकती है।

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