
उदयपुर। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव 2025 का रंगारंग आगाज लोक कला और लोक संस्कृति की मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। उत्सव के चौथे दिन बुधवार शाम मुक्ताकाशी मंच पर महाराष्ट्र की पारंपरिक कर्ण ढोल (शब्द भेद) प्रस्तुति ने दर्शकों को अचंभित कर दिया। आंखों पर पट्टी बांधकर सैकड़ों दर्शकों की भीड़ में से नारियल खोज लाने की अद्भुत कला ने तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी।
‘लोक के रंग–लोक के संग’ की भावना को साकार करते हुए विभिन्न राज्यों की प्रस्तुतियों ने पूरे शिल्पग्राम को सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया। गोवा के घूमट, जम्मू के डोगरी लोक नृत्य जगरना, ओडिशा के जनजातीय जीवन को दर्शाते संभलपुरी नृत्य, गुजरात के भक्तिमय गरबा, राजस्थान के नगाड़ा वादन, सहरिया स्वांग और सफेद आंगी गेर ने दर्शकों को खूब रिझाया।
महाराष्ट्र की मल्लखंभ प्रस्तुति के साहसिक करतबों ने रोमांच पैदा किया, जबकि त्रिपुरा का संतुलन आधारित होजागिरी नृत्य, मणिपुर का लाई हारोबा, गोवा का देखनी और हरियाणा का पारंपरिक घूमर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटने में सफल रहे। कार्यक्रम का संचालन मोहिता दीक्षित और यश दीक्षित ने किया।
लेक सिटी के कला प्रेम की सराहना
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने कहा कि उदयपुर और मेवाड़ क्षेत्र के लोगों का कला प्रेम इस उत्सव को हर वर्ष नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिल्पग्राम प्रांगण में चार पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकारों सहित 15 प्रसिद्ध चित्रकारों का कला शिविर और विभिन्न कार्यशालाएं सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित कर रही हैं।
‘हिवड़ा री हूक’ बना युवाओं का मंच
बंजारा मंच पर चल रहे ‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम में युवाओं का उत्साह देखने लायक है। यह मंच उन प्रतिभाओं को अवसर देता है, जिन्हें अब तक प्रदर्शन का मंच नहीं मिल पाया। संचालक सौरभ भट्ट की रोचक प्रश्नोत्तरी ने कार्यक्रम को और भी जीवंत बना दिया।
थड़ों पर सजी लोक संस्कृति
शिल्पग्राम के विभिन्न थड़ों पर दिनभर चल रही प्रस्तुतियों में गवरी, चकरी, बाजीगरों के करतब, मांगणियार गायन, बीन-जोगी, कच्ची घोड़ी, कठपुतली और बहरूपिया कलाकारों ने मेलार्थियों का भरपूर मनोरंजन किया। पत्थर की कलाकृतियां और सेल्फी पॉइंट्स भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
कला शिविर का समापन आज
21 दिसंबर से चल रहे कला शिविर का समापन गुरुवार को होगा, जिसमें देश के 15 नामचीन चित्रकार अपनी कला का लाइव प्रदर्शन कर रहे हैं।
आज (गुरुवार) के विशेष आकर्षण
मुक्ताकाशी मंच पर ओडिशा का गोटीपुआ, छत्तीसगढ़ का पंडवानी गायन, मणिपुर का पुंग ढोल चेलम, पश्चिम बंगाल का नटुआ लोक नृत्य, महाराष्ट्र का कर्ण ढोल और मल्लखंभ प्रमुख आकर्षण रहेंगे।
शिल्पग्राम तक सिटी बस सेवा शुरू
उत्सव के मद्देनजर नगर निगम ने सूरजपोल से शिल्पग्राम तक सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक हर आधे घंटे में सिटी बस सेवा शुरू की है, जिससे शहरवासियों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी।
Keywords : Shilpgram Festival 2025, Udaipur, Indian Folk Culture, Karn Dhol, Gotipua Dance, Sambalpuri Dance, Mallakhamb, Jagarna, Indian Folk Arts, Cultural Festival
About Author
You may also like
-
भगवान जगन्नाथ को समर्पित ओडिशा का गोटीपुआ नृत्य : जब लड़के बनते हैं नर्तकियां और भक्ति में रचते हैं इतिहास
-
खेल रत्न के लिए हार्दिक सिंह नामित, अर्जुन अवॉर्ड के लिए 24 खिलाड़ियों की सिफारिश
-
आईईपीएफए और सेबी 3 जनवरी को बेंगलुरु में आयोजित करेंगे ‘निवेशक शिविर’, निवेशकों को मिलेगी त्वरित सहायता
-
हिन्दुस्तान जिंक की पहल पर किसान दिवस : देबारी और जावर में 100 से अधिक किसानों ने लिया भाग, स्मार्ट खेती, पशुधन विकास पर मंथन
-
सेंट मैरीज़ कॉन्वेंट स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया क्रिसमस पर्व