उदयपुर। स्मार्ट सिटी की कल्पना जो आपने की थी, क्या वैसा उदयपुर दिखाई दे रहा है या आप महसूस कर रहे हैं। शहर के सभी लोग इसका जवाब ना में ही देंगे। स्मार्ट सिटी के बोर्ड तो दिखाई देते हैं, लेकिन सहूलियतों के लिहाज से शहर बिल्कुल भी स्मार्ट नहीं है।
सूरजपोल अंदर मुख्यमार्ग पर कुछ हिस्सों की स्ट्रीट लाइटें पिछले दो महीनों से बंद हैं। यह तो एक रास्ता है, ऐसे कई मार्ग हैं, जहां सप्ताह, पखवाड़ा और महीनों से स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है। इन मार्गों से हर रोज नगर निगम के अधिकारी, वोट लेने वाले और देने वाले गुजरते हैं। माहौल चुनाव का है इसलिए नेताओं को वोटर्स से तो मतलब है, लेकिन उनकी समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
झील संरक्षण के लिए कार्य करने वाले लोग हर रोज प्रशासन को झील में गिरने वाले सीवरेज नालों की खबरें देते रहते हैं, लेकिन पिछले तीस सालों में भी इस समस्या का निराकरण नहीं हो सका है।
शहर में जनप्रतिनिधि की बात करें तो नगर निगम में बोर्ड बीजेपी का, विधायक बीजेपी का और सांसद भी बीजेपी का। यानी शहर में तो ट्रिपल इंजन की सरकार है, लेकिन शहर के हालात आपके सामने हैं।
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