उदयपुर का हरियाली अमावस का मेला लोगों के बीच सामुदायिक भावना को मजबूती देता है, प्रकृति के साथ एकता के महत्व को समझाने का अवसर प्रदान करता है…आज के मेले की यहां देखें तस्वीरें

उदयपुर। उदयपुर का हरियाली अमावस का मेला लोगों के बीच सामुदायिक भावना को मजबूत करता है और उन्हें प्रकृति के साथ एकता के महत्व को समझाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। सोमवार को सिर्फ महिलाओं के लिए यह मेला होगा।

उदयपुर में हरियाली अमावस का मेला एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक आयोजन है। हरियाली अमावस को श्रावण मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के महीने में आता है। यह मेला स्थानीय संस्कृति, धार्मिक आस्था और सामुदायिक उत्सव का प्रतीक है।

हरियाली अमावस का महत्त्व:

हरियाली अमावस का मेला मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन लोग शिवालयों और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और अपने घरों व आस-पास के स्थानों को हरियाली से सजाते हैं। यह मेला पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति सम्मान के संदेश को भी दर्शाता है।

मेला आयोजन और गतिविधियाँ:

  1. पूजा और धार्मिक अनुष्ठान: मेले के दौरान भक्तजन मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
  2. सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें नृत्य, संगीत और नाटकों का प्रदर्शन शामिल होता है।
  3. मेलों में खरीदारी: हरियाली अमावस के मेले में विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए जाते हैं, जहां स्थानीय हस्तशिल्प, खिलौने, मिठाइयाँ और अन्य सामान बिकते हैं।
  4. झूले और खेल: बच्चों और युवाओं के मनोरंजन के लिए झूले और विभिन्न खेलों का आयोजन भी किया जाता है।
  5. पर्यावरण जागरूकता: हरियाली अमावस के मेले में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के महत्व को भी प्रमुखता दी जाती है।

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