
उदयपुर। शहर के सेक्टर-13 स्थित गोविंद नगर में दोपहर की धूप हमेशा की तरह ही थी, लेकिन उसी शांत दोपहर में एक ऐसी वारदात घट रही थी जिसकी भनक किसी को नहीं लगी। दीपक जैन का घर खाली था। परिवार खेरवाड़ा में एक शादी में गया था और शायद यही मौका दो चोरों के लिए सबसे बड़ा संकेत बन गया।
दोपहर लगभग एक बजे के आसपास घर के बाहर लगा सीसीटीवी कैमरा दो परछाइयों को कैद कर रहा था। एक ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था, दूसरे का चेहरा बिलकुल साफ दिखाई दे रहा था। दोनों ऐसे गेट फांदकर अंदर घुसे जैसे उन्हें घर की बनावट, ताले की मजबूती और अंदर तक पहुँचने का हर रास्ता पहले से याद हो। कैमरे ने उन्हें कुछ पलों के लिए रोका, लेकिन उनके इरादों पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
ताले टूटने की हल्की सी आवाज़ सुनाई देती है, फिर भीतर एक सन्नाटा। चोरों ने कमरे दर कमरे, अलमारी दर अलमारी सब कुछ खंगालना शुरू कर दिया। घर के भीतर फैली अव्यवस्था बता रही थी कि वे जल्दबाज़ी में थे, लेकिन घबराए हुए नहीं। जैसे उन्हें पता था कि घर खाली है और अगले कुछ घंटों तक कोई लौटने वाला नहीं।
जब परिवार शादी से लौटा तो मुख्य दरवाज़े पर टूटे ताले सबसे पहले दिखाई दिए। अंदर कदम रखा ही था कि पूरे घर की हालत देखकर सबके होश उड़ गए। हर कोना बिखरा पड़ा था, अलमारियों के ताले उखड़े हुए थे और ज़मीन पर कपड़ों-फ़ाइलों की एक अस्त-व्यस्त परत बिछी थी। तभी समझ आया कि कोई बड़ी चोरी हो चुकी है।
घर से करीब 18 लाख रुपए नकद और सोना-चांदी के कई कीमती गहने गायब थे। चोरी हुए जेवरों में सोने का बाजू, ब्रेसलेट, हार, दो जोड़ी पाटला, पांच अंगूठियां, मंगलसूत्र, तीन चेन, दो छोटे हार, नाक के तीन लोंग, चार काकड़, चांदी के दस सिक्के और चार पायजेब शामिल थे। यह सिर्फ सामान की चोरी नहीं थी, बल्कि पूरे परिवार की मेहनत, यादें और विश्वास को किसी ने मिनटों में लूट लिया था।
जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, सवीना थाना टीम मौके पर पहुंच गई। एफएसएल की टीम भी बुलायी गई। कैमरों की फुटेज खंगाली गई तो चोरों की हरकतें बिल्कुल साफ नजर आईं। एक के चेहरे पर मास्क था लेकिन दूसरा पहचान छुपाने की कोशिश भी नहीं कर रहा था। उनकी चाल, कपड़े, कद—सब कुछ पुलिस की फाइल में दर्ज हो चुका था।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह था कि दिनदहाड़े इतनी बड़ी चोरी किस हिम्मत से हो गई? इलाके में लोग इकट्ठा होने लगे, हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक बात थी—अगर यह घटना दिन में हो सकती है, तो फिर रात कितनी असुरक्षित होगी?
मोहल्ले में दहशत फैल गई। लोग एक-दूसरे से बारी-बारी पूछ रहे थे कि क्या किसी ने कुछ संदिग्ध देखा था। लेकिन हर ओर से सिर्फ एक ही जवाब मिलता—कुछ नहीं। चोर आए भी चुपचाप, गए भी चुपचाप।
पुलिस अब फुटेज के आधार पर दोनों की पहचान करने, इलाके के पुराने अपराधियों की लिस्ट जांचने और मोबाइल लोकेशन के जरिए खुदाई करने में जुटी है। लेकिन चोरों की बेखौफी ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें न कैमरों का डर था, न मोहल्ले का।
उदयपुर में दिनदहाड़े हुई यह चोरी केवल एक वारदात नहीं, बल्कि उस सुरक्षा पर सवाल है जिस पर हर परिवार भरोसा करता है। दोपहर की धूप में दो परछाइयाँ आईं, एक घर को खंगालकर ले गईं, और पीछे छोड़ गईं टूटा ताला, बिखरा सामान और एक ऐसा सन्नाटा जिसकी गूंज मोहल्ले में कई दिनों तक सुनाई देगी।
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