उदयपुर बार एसोसिएशन ने रचा इतिहास : पिता के बाद पुत्र भी अध्यक्ष बने, 28 साल बाद दोहराई गौरवगाथा

फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। उदयपुर बार एसोसिएशन ने इस बार एक ऐतिहासिक अध्याय लिख दिया। वर्ष 1997 में अधिवक्ताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता रोशनलाल जैन को बार अध्यक्ष चुना था, और अब 28 वर्ष बाद, उनके पुत्र जितेंद्र जैन ने अध्यक्ष पद पर जीत की ओर निर्णायक बढ़त बनाकर इतिहास दोहरा दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश गुप्ता ने बताया कि बार एसोसिएशन के चुनावों में ऐसा उदाहरण पहली बार देखने को मिल रहा है कि पिता और पुत्र दोनों बार के अध्यक्ष हैं। राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल भी उदयपुर बार एसोसिएशन के लिए मतदान करने आए और उन्होंने सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं दी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जितेंद्र जैन पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के दामाद के भाई हैं।

काउंटिंग जारी, अध्यक्ष पद पर जितेंद्र जैन की जीत लगभग तय

उदयपुर बार एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक मतदान संपन्न हुआ। दिनभर अधिवक्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। मतदान समाप्त होने के बाद शुरू हुई मतगणना देर शाम तक चलने की संभावना है।

अब तक की काउंटिंग में अध्यक्ष पद पर जितेंद्र जैन, उपाध्यक्ष पर महेंद्र मेनारिया, महासचिव पर लोकेश गुर्जर, सचिव पद पर आशीष कोठारी मजबूत बढ़त बनाए हुए हैं।

वहीं वित्त सचिव पर धमेंद्र सोनी और पुस्तकालय सचिव पर विनोद औदिच्य आगे चल रहे हैं।

83% मतदान, 21 उम्मीदवार मैदान में

इस बार कुल 21 उम्मीदवार चुनावी रण में उतरे, जिनका भविष्य तय करने के लिए 2268 मतदाताओं ने मतदान किया।
बार एसोसिएशन में कुल 2714 रजिस्टर्ड सदस्य हैं, जिनमें से 83% अधिवक्ताओं ने मतदान कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाया।

सुबह से दोपहर तक पूरे कोर्ट परिसर में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने अपने पक्ष में मतदान की लगातार अपील कर माहौल को चुनावी रंग से भर दिया।

पूर्व अध्यक्ष व्हीलचेयर पर पहुंचे मतदान करने

चुनाव के दौरान एक भावुक करने वाला दृश्य भी सामने आया।
पूर्व अध्यक्ष महेंद्र नागदा, जिनके दोनों पैरों में प्लास्टर बंधा हुआ है, व्हीलचेयर पर वोट देने पहुंचे। उनके लिए चुनाव अधिकारी स्वयं मतदान कक्ष से बाहर आए और व्हीलचेयर पर ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई।

जानकारी के अनुसार दीपावली अवकाश के दौरान अपने नवनिर्माण मकान में पानी की पिलाई करते समय छत से गिर जाने के कारण उनके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे, और वे चिकित्सकों की सलाह पर बेड रेस्ट पर हैं। इसके बावजूद उन्होंने मतदान कर लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई।

कड़े नियमों के साथ सुव्यवस्थित मतदान

चुनाव अधिकारी के अनुसार मतदान दिवस पर कोर्ट परिसर में किसी भी वाहन को खड़ा करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके अलावा मतदान के लिए आने वाले अधिवक्ताओं के लिए बार एसोसिएशन का आई-कार्ड या वैध पहचान पत्र अनिवार्य रखा गया, जिससे मतदान प्रक्रिया पूरी तरह अनुशासित और सुरक्षित बनी रही।

 

 

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