नई दिल्ली : भारतीय शेयर बाजार में आज का दिन भारी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। सेंसेक्स 1400 अंक गिरकर 73,198 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 420 अंक लुढ़ककर 22,124 के स्तर पर पहुंच गया।
गिरावट की बड़ी वजहें
1. जीडीपी आंकड़ों को लेकर चिंता : आज भारत की जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़े जारी होने हैं। बाजार में अनिश्चितता की वजह से निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया और बिकवाली का दबाव बना रहा।
2. अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा से वैश्विक बाजारों में बेचैनी बढ़ी है। इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
3. आईटी सेक्टर पर दबाव : टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इस सेक्टर में मंदी के संकेत मिल रहे हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है।
4. एफआईआई की बिकवाली : विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बड़े पैमाने पर बिकवाली जारी रखी। इससे बाजार में नकारात्मकता बढ़ी और शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
5. रूस-यूक्रेन तनाव और कच्चे तेल की कीमतें : यूक्रेन संकट और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने वैश्विक आर्थिक चिंताओं को बढ़ा दिया है। इस वजह से निवेशकों में घबराहट बढ़ी और बाजार पर दबाव बना।
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर और कंपनियां
आईटी, बैंकिंग, ऑटो और टेलीकॉम सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
इंडसइंड बैंक – 4.44% की गिरावट
एमएंडएम, एचसीएल टेक – सबसे ज्यादा नुकसान
इन्फोसिस, टीसीएस, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स – लाल निशान पर
क्या आगे रिकवरी संभव है?
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार का कहना है कि “मार्च में बाजार रिकवरी कर सकता है, लेकिन अनिश्चितता बनी रहेगी।”
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। लॉन्ग टर्म निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश बनाए रखना चाहिए।
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