
तेहरान/दोहा/बगदाद।
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोमवार देर रात ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए क़तर और इराक़ में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर की गई हालिया बमबारी के जवाब में किया गया है।
ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी तस्नीम ने जानकारी दी कि यह मिसाइल हमला इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) द्वारा अंजाम दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई “ईरान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा” के तहत की गई, जिसका उद्देश्य अमेरिका को उसके कथित “आक्रामक व्यवहार” का स्पष्ट और कड़ा संदेश देना था।
दोहा में धमाकों की आवाज़ें
हमले के कुछ ही समय बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों रॉयटर्स और एएफपी ने दावा किया कि क़तर की राजधानी दोहा और उसके आसपास के क्षेत्रों में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। हालांकि, स्थानीय प्रशासन या अमेरिकी सेना की ओर से अब तक किसी तरह की जनहानि या नुकसान की स्पष्ट पुष्टि नहीं की गई है।
इराक़ में अल-असद एयरबेस पर मिसाइल हमला
इराक़ी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बगदाद के पश्चिम में स्थित अल-असद एयरबेस को भी मिसाइलों से निशाना बनाया गया। रात करीब 2:15 बजे बेस की ओर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। हमले के बाद बेस के कुछ हिस्सों में आग लगने की सूचना है, लेकिन अभी तक किसी अमेरिकी या इराक़ी सैनिक के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से बातचीत में हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका इन घटनाओं से अवगत है और हालात पर नज़र बनाए हुए है। अधिकारी ने बताया कि सभी अमेरिकी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम सतर्कता स्तर पर पहुंचा दिया गया है। साथ ही पेंटागन की ओर से संभावित जवाबी कार्रवाई के लिए तैयारियां भी की जा रही हैं।
परमाणु ठिकानों पर बमबारी के बाद बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि दो दिन पहले अमेरिका ने दावा किया था कि उसने ईरान के “प्रमुख परमाणु कार्यक्रम” को लक्षित कर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद ईरान ने इज़राइल के खिलाफ भी जवाबी सैन्य कार्रवाई की थी, जिससे पहले ही क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच चुका था। अब अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद हालात और अधिक विस्फोटक हो गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
ईरान और अमेरिका के बीच इस टकराव के बाद मध्य पूर्व में नए युद्ध की आशंका गहराने लगी है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं दोनों पक्षों से संयम बरतने और तत्काल कूटनीतिक संवाद बहाल करने की अपील कर चुकी हैं। हालांकि अभी तक किसी प्रकार की औपचारिक वार्ता की शुरुआत नहीं हुई है।
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