
नई दिल्ली। आज की खबरों में हम देखेंगे कि दुनिया और भारत में सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर नई पहल और महत्वपूर्ण घटनाएँ हो रही हैं। ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने की योजना, उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद और भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमानों को दी गई अंतिम विदाई—ये घटनाएँ समाज, राजनीति और रक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करती हैं।
ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने की नई योजना
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर ने अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में लागू कड़े नियमों के बाद ब्रिटेन भी अब इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है। पीएम स्टार्मर ने बताया कि डिजिटल आईडी स्कीम के माध्यम से ब्रिटेन में अवैध रूप से काम करना मुश्किल हो जाएगा और देश की सीमाएँ और सुरक्षित होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि लेबर पार्टी समेत अन्य वामपंथी पार्टियां इस मुद्दे से हमेशा बचती रही हैं, लेकिन उनकी सरकार को हर पहलू से निपटना अनिवार्य है। नई योजना के तहत, ब्रिटेन में नई नौकरी शुरू करने वाले व्यक्ति को डिजिटल आईडी दिखानी होगी। हालांकि, इस योजना को लागू करने के लिए कानून बनाना और व्यापक विचार-विमर्श करना आवश्यक होगा, ताकि बिना स्मार्टफोन या पासपोर्ट वाले लोग अपने अधिकारों से वंचित न हों। कंज़र्वेटिव नेता केमी बैडेनोक ने इसे हताशा भरा कदम बताया, जबकि लिबरल डेमोक्रेट्स को डर है कि यह योजना लोगों को अपना डेटा छिपाने के लिए मजबूर कर सकती है।
‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर ओवैसी का बयान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर को लेकर उठी बहस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब लव शब्द इसमें शामिल है, तो लोगों को इससे तकलीफ़ क्यों हो रही है। उनका कहना था कि यह मोहब्बत को मान्यता देने का मामला है।
ओवैसी ने आरएसएस और बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं, और ऐसे विवादों से भारत का संदेश दुनियाभर में प्रभावित होता है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रेम और मोहब्बत के संदेश पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है।
यह विवाद कानपुर में बारावफ़ात (ईद मिलाद-उन-नबी) के अवसर पर ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर लगाने से शुरू हुआ। ओवैसी ने सुझाव दिया कि यदि किसी को इस पर रोक लगानी है तो इसके लिए स्पष्ट कानून बनाया जाए।
भारतीय वायुसेना ने मिग-21 को दी अंतिम विदाई

कई दशकों तक भारतीय वायुसेना में सेवा देने वाले रूस से ख़रीदे गए मिग-21 लड़ाकू विमानों को आज डी-कमीशन कर दिया गया। विदाई समारोह चंडीगढ़ में आयोजित किया गया, जहाँ वायु सेना के पायलट इन्हें अंतिम बार उड़ा रहे थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिग-21 केवल एक विमान नहीं बल्कि भारत-रूस संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यह विमान 1963 से 63 वर्षों तक भारतीय वायुसेना में सेवा दे रहा था।
पूर्व इंजीनियर जीवन कुमार ने मिग-21 की विशेषताएँ साझा कीं, जिसमें इसकी 90 डिग्री पर सीधी चढ़ाई करने की क्षमता शामिल है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक था और इसकी जगह तेजस विमान लेगा।
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