
स्टॉक मार्केट अपडेट | भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली और वैश्विक बाजारों की कमजोर धारणा के कारण निवेशक जोखिम लेने से बचते नज़र आए। दिनभर की उतार-चढ़ाव भरी ट्रेडिंग के बाद सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ही प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स–निफ्टी की चाल
सेंसेक्स: 449.32 अंक या 0.53% गिरकर 83,955.14 पर
निफ्टी 50: 155.75 अंक या 0.60% फिसलकर 25,722.10 पर
हालांकि अक्टूबर महीना बाजार के लिए सकारात्मक रहा। मजबूत कॉर्पोरेट नतीजों और आकर्षक वैल्युएशंस के चलते निफ्टी और सेंसेक्स ने लगभग साढ़े चार प्रतिशत का उछाल दर्ज किया — यह सात महीनों में सबसे बड़ी मासिक बढ़त रही। इसके बावजूद दोनों सूचकांक अपने सितंबर 2024 के सर्वकालिक उच्च स्तरों से अभी भी 2–2.5% नीचे हैं।
बाजार गिरावट के प्रमुख कारण
1) लगातार FII बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने इस सप्ताह भारतीय इक्विटी में आक्रामक बिकवाली जारी रखी।
गुरुवार को FIIs ने ₹3,077.59 करोड़ की बिकवाली की
इससे एक दिन पहले बुधवार को ₹2,540.16 करोड़ की निकासी की गई
मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार विदेशी निवेशकों का रुख अचानक सतर्क हो गया है, जिससे बाजार मनोभाव नकारात्मक हुआ है।
डॉ. वी.के. विजयकुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि “FII की ताजा बिकवाली निकट भविष्य में बाजार पर दबाव बना सकती है।”
2) वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत
एशियाई बाजारों में कमजोरी दिखी—
शंघाई कंपोज़िट और हांगकांग हैंगसेंग लाल निशान में
अमेरिकी सूचकांक भी गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए
एशियाई ट्रेडिंग घंटों में निवेशक सतर्क दिखे, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संकेत और आने वाले आर्थिक डेटा को लेकर अनिश्चितता बनी रही।
एनरिच मनी के CEO पोनमुदी आर. ने कहा, “वैश्विक बाजारों में मिश्रित संकेत हैं और निवेशक वीकेंड से पहले जोखिम लेने से बच रहे हैं।”
3) US–China ट्रेड डील पर अनिश्चितता
दक्षिण कोरिया में हुई मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने व्यापार तनाव कम करने के संकेत तो दिए, लेकिन किसी व्यापक समझौते का ऐलान नहीं हुआ।
विश्लेषकों के मुताबिक यह केवल “एक साल की अस्थायी ट्रूस” जैसा है, जिससे बाजार को ठोस भरोसा नहीं मिला।
4) बैंकिंग शेयरों में बिकवाली
बाजार में दबाव बढ़ाने में बैंकिंग शेयरों का बड़ा योगदान रहा।
SEBI ने Bank Nifty इंडेक्स के लिए नए नियम जारी किए हैं:
अब इस सेक्टोरल इंडेक्स में कम से कम 14 स्टॉक होना अनिवार्य (वर्तमान में 12)
HDFC Bank, ICICI Bank और SBI जैसे दिग्गजों का वज़न आने वाले महीनों में चार चरणों में घटेगा
Yes Bank, Indian Bank, Union Bank और Bank of India शामिल होने के संभावित नए उम्मीदवार बताए जा रहे हैं
इन बदलावों से बैंकिंग शेयरों पर दबाव बना रहा और सेक्टर में व्यापक बिकवाली देखी गई।
तकनीकी पटल: 25,960 पर कड़ा रेजिस्टेंस
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार बाजार का शॉर्ट-टर्म चार्ट अब बुलिश पैटर्न से हटकर “टॉपिंग फॉर्मेशन” की ओर बढ़ रहा है।
आनंद जेम्स, चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा—
“25,960 के ऊपर निफ्टी स्थिर नहीं हुआ तो 25,700–25,400 की तरफ और गिरावट संभव है।”
मुख्य लूज़र्स
निफ्टी पैक में कई दिग्गज शेयर दबाव में रहे—
NTPC, Eternal, Max Healthcare, Cipla, InterGlobe Aviation
इनमें 2% तक की गिरावट देखी गई।
अक्टूबर में शानदार रिटर्न देने के बाद भारतीय बाजार फिलहाल दबाव में है। वैश्विक अनिश्चितताओं, विदेशी बिकवाली और घरेलू सेक्टोरल नीतिगत बदलावों के चलते निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा मुख्य रूप से अमेरिकी आर्थिक संकेतों, FII प्रवाह और घरेलू कॉरपोरेट गाइडेंस पर निर्भर करेगी।
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