पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक ऑपरेशन खत्म, 28 सैनिकों की मौत, 33 बलूच विद्रोही ढेर

36 घंटे बाद सेना ने किया ऑपरेशन खत्म

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस को छुड़ाने का ऑपरेशन समाप्त हो गया है। पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, 450 यात्रियों को बंधक बनाए जाने के बाद 346 लोगों को सुरक्षित रिहा कर लिया गया, जबकि 28 सैनिकों की मौत हुई। सेना ने दावा किया कि 33 बलूच लड़ाकों को मार गिराया गया है।

BLA का दावा- 100 पाक सैनिक मारे

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और दावा किया कि दो दिनों में 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मार दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान सेना ने इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की है।

 

कैसे हुआ हमला? इन प्वाइंट्स में जानिए पूरा घटनाक्रम

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बुधवार दोपहर 1 बजे जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया।

450 यात्रियों को बंधक बनाया गया, जिनमें से अधिकांश आम नागरिक थे।

BLA ने अपने कैद कार्यकर्ताओं और राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग की और सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया।

पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में हेलिकॉप्टर और ड्रोन से हमला किया।
सुबह 150 बंधकों को छुड़ाने का दावा किया गया, जबकि शाम तक यह संख्या 190 तक पहुंच गई।

हमलावर आत्मघाती जैकेट पहने हुए थे, जिससे ऑपरेशन में दिक्कतें आईं।
पाकिस्तानी सरकार ने क्वेटा में 200 ताबूत भेजे, ताकि इमरजेंसी स्थिति में उनका उपयोग किया जा सके।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सैनिकों के साहस की सराहना की और कहा कि कई विद्रोहियों को ‘नरक भेज दिया गया है’।

पाकिस्तानी सेना ने 33 बलूच लड़ाकों के मारे जाने की पुष्टि की।

ऑपरेशन खत्म होने के बाद सेना ने कहा कि सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया है।

बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रही हिंसा

 

बलूचिस्तान में बलूच अलगाववादी संगठन लगातार पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ हमले कर रहे हैं। BLA लंबे समय से स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग कर रहा है और पाकिस्तान पर जबरन गायब करने और मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगाता है।

क्या यह हमला पाकिस्तान में हालात और बिगाड़ेगा?

यह हमला पाकिस्तानी सेना के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ है। बलूच संगठनों की बढ़ती सक्रियता से आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पाकिस्तान की सेना ने ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा जरूर की है, लेकिन BLA के दावों और सेना के आधिकारिक आंकड़ों में बड़ा अंतर दिख रहा है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पाकिस्तान सरकार इस संकट को कूटनीतिक हल से सुलझाएगी, या फिर बलपूर्वक जवाब देगी।

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