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“यूट्यूबर पत्रकार की गिरफ्तारी : कपीश भल्ला ने पत्रकारिता की सीमाएं लांघी, या यह मामला पत्रकारिता को दबाने का प्रयास है?

उदयपुर। उदयपुर की सूरजपोल पुलिस ने यूट्यूबर और पत्रकार कपीश भल्ला को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक सरकारी स्कूल में तोड़फोड़ की, प्रिंसिपल को ब्लैकमेल किया, और 50,000 रुपये की मांग की। सभी अखबारों ने इस खबर को प्रकाशित किया है।

शिकायत में कपीश पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और प्रिंसिपल को डराने-धमकाने का भी आरोप है। हालांकि, यह पहली बार है जब कपीश के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज हुई है।

कपीश भल्ला ‘उदयपुर खबर’ नाम के अपने यूट्यूब चैनल के जरिए स्थानीय मुद्दों को उजागर करते आए हैं। उनके चैनल ने कई बार प्रशासन और संस्थानों पर सवाल उठाए हैं, लेकिन हिडन रिकॉर्डिंग और विवादित सामग्री चलाने के कारण कुछ लोग उनसे नाराज हैं। यही वजह है कि पत्रकार संगठन भी कपीश के सपोर्ट में खड़े नहीं हुए।

अब सवाल यह उठता है कि क्या कपीश ने पत्रकारिता की सीमाएं लांघी, या यह मामला पत्रकारिता को दबाने का प्रयास है?
यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में दिल्ली के पत्रकार सौरभदास ने पूर्व चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के कामकाज पर सवाल उठाते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

फिलहाल, कपीश भल्ला का पक्ष सामने नहीं आया है। अब अदालत तय करेगी कि आरोप कितने मजबूत हैं और पत्रकारिता की इस लड़ाई में कानून क्या फैसला सुनाता है।

कैमरा पर रखी नजर के साथ, यह मामला कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है : क्या यह पत्रकारिता के लिए एक नई चुनौती है, या कानून के पालन का एक सख्त कदम?

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