हिंदुस्तान जिंक : दुनिया की सबसे गहरी मैराथन का इतिहास रचने की तैयारी, पृथ्वी की सतह से 1,120 मीटर नीचे होने जा रही है यह अनोखी दौड़

18 देशों के 60 धावक दो दिनों में स्वीडन की जिंक खदान में उतरेंगे नए कीर्तिमान बनाने

उदयपुर। दुनिया की सबसे गहरी मैराथन की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और उत्साह अब अपने चरम पर है। यह असाधारण आयोजन स्वीडन के बोलिडेन की गारपेनबर्ग जिंक खदान में होने जा रहा है — जो समुद्र तल से 1,120 मीटर नीचे स्थित है। यह न केवल आधुनिक खनन तकनीक का उदाहरण है, बल्कि मानव साहस, फिटनेस और एकता का उत्सव भी बनेगा। इस रोमांचक आयोजन की झलक दिखाने के लिए एक 30 सेकंड का टीज़र फिल्म भी जारी किया गया है।

25 अक्टूबर को, 18 देशों के 60 धावक इस ऐतिहासिक मैराथन में हिस्सा लेंगे। इनमें सीईओ, खनन क्षेत्र के प्रतिनिधि, समाजसेवी और शौकिया धावक शामिल हैं।
कई प्रतिभागी पहली बार मैराथन दौड़ने जा रहे हैं — वह भी पृथ्वी की गहराई में, जहां हर कदम साहस की परीक्षा होगी।
इन सभी का साझा लक्ष्य है — 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8 करोड़ रुपये) चैरिटी के लिए जुटाना।

यह आयोजन दिखाता है कि खेल के माध्यम से भी दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। दुनिया के अग्रणी जस्ता उत्पादक और शीर्ष पाँच चांदी उत्पादकों में शामिल हिंदुस्तान जिंक इस अनोखी मैराथन की आधिकारिक साझेदार है।

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा और सीओओ किशोर एस भी इस चुनौती में भाग लेंगे। अरुण मिश्रा ने कहा, “हमारा विश्वास है कि असली ताकत सीमाओं को पार करने में है — चाहे वह मानव क्षमता हो, सुरक्षा मानक हों या तकनीकी नवाचार। यह मैराथन उसी भावना का प्रतीक है जो आधुनिक खनन को नई दिशा देती है। हमें गर्व है कि हम एक ऐसे आयोजन का हिस्सा हैं जो न केवल फिटनेस को बढ़ावा देता है बल्कि परिवर्तन, सुरक्षा और स्थायित्व का संदेश भी देता है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह दौड़ एकता, दृढ़ता और भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रतीक बनेगी।

हिंदुस्तान जिंक की फिटनेस और समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता

यह आयोजन सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि समाज से जुड़ने की भावना भी है। हिंदुस्तान जिंक लगातार स्वास्थ्य, फिटनेस और सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इसी वर्ष कंपनी ने उदयपुर में वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन का सफल आयोजन किया, जिसमें 7,000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस पहल के माध्यम से ‘रन फॉर जीरो हंगर’ अभियान को भी समर्थन मिला, जो नंदघर और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की एक प्रेरक पहल है।

युवा प्रतिभाओं के लिए मंच

हिंदुस्तान जिंक खेलों को केवल फिटनेस नहीं, बल्कि समुदाय निर्माण का माध्यम मानती है। कंपनी की जिंक फुटबॉल अकादमी को एआईएफएफ से 3 स्टार मान्यता प्राप्त है और यह भारत की पहली तकनीक-संचालित आवासीय गर्ल्स अकादमी भी चला रही है।

‘जिंक फुटबॉल गर्ल्स अकादमी’ और ‘एआईएफएफ जिंक ब्लू क्यूब्स लीग’ जैसी पहलों के ज़रिए कंपनी ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों की प्रतिभाओं को अवसर दे रही है।
इन कार्यक्रमों से युवा, विशेष रूप से बालिकाएँ, टीमवर्क, आत्मविश्वास और स्वास्थ्य के महत्व को सीख रही हैं — जो सशक्त समाज की नींव हैं।

बिकमिंगX के सीईओ पॉल गर्नी का दृष्टिकोण

बिकमिंगX के सीईओ पॉल गर्नी ने कहा, “यह आयोजन सिर्फ एक मैराथन नहीं, बल्कि यह दिखाने का अवसर है कि इंसान अपनी सीमाओं से आगे जाकर क्या कर सकता है।
जब हम नए अनुभवों को अपनाते हैं, तो न केवल खुद को, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित करते हैं।
यह आयोजन आधुनिक खनन के नवाचार, सुरक्षा और प्रगति की उस भावना का प्रतीक है जो भविष्य को नई दिशा दे रही है।”

आईसीएमएम के सीईओ रोहितेश धवन का संदेश

आईसीएमएम के सीईओ रोहितेश धवन ने कहा, “एक सक्रिय भूमिगत खदान में पूरी मैराथन का आयोजन यह साबित करता है कि हमारा उद्योग सुरक्षा और तकनीकी नवाचार में कितनी प्रगति कर चुका है। यह सिर्फ खेल नहीं, बल्कि आधुनिक खनन की नई पहचान है — जो स्वास्थ्य, सुरक्षा और मानवीय क्षमता को एक साथ जोड़ती है।”

उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह आयोजन प्रकृति, तकनीक और मानवीय सहयोग का शानदार उदाहरण बनेगा।

दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर : इस मैराथन का उद्देश्य दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाना है —दुनिया की सबसे गहरी मैराथन (1,120 मीटर नीचे)

सबसे गहरी भूमिगत दौड़ (अंडरग्राउंड रन)

यह आयोजन न केवल खेल इतिहास में दर्ज होगा बल्कि यह यह भी दिखाएगा कि जब नवाचार, साहस और सहयोग साथ आते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

सकारात्मक संदेश

हिंदुस्तान जिंक की यह पहल यह दिखाती है कि कॉर्पोरेट जगत केवल व्यवसाय तक सीमित नहीं है, बल्कि वह समाज, खेल, पर्यावरण और मानवीय मूल्यों के विकास में भी समान रूप से योगदान दे सकता है। यह मैराथन सिर्फ एक दौड़ नहीं — बल्कि एक प्रेरक यात्रा है जो यह संदेश देती है कि

“जब हम सीमाओं से आगे बढ़ते हैं, तभी हम खुद को और दुनिया को बेहतर बना सकते हैं।”

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