उदयपुर। “सजीव सेवा समिति” द्वारा महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर दिया जाने वाले “महाराणा प्रताप सम्मान” की श्रंखला का 25 वां पुरस्कार 8 जून 2024 को सेवानिवृत आई ए एस एडिशनल चीफ सेक्रेटरी/ प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे पीएन भंडारी को दिया जाएगा।
समिति के महासचिव शांतिलाल भंडारी ने बताया कि इस वर्ष अनुशंसित हुए पांच नामों पर गहन मंथन कर समिति कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पी एन भंडारी के नाम का अनुमोदन किया। यह पुरस्कार 1994 से उस व्यक्तित्व को दिया जाता आ रहा है जिसके कार्यक्रमों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हमारा समाज लाभान्वित हुआ है। मनीषी पंडित जनार्दन राय नगर व बृजराज सिंह चौहान इस सम्मान को प्राप्त करने वाले प्रथम नागरिक रहे।
समिति के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि सजीव सेवा संस्थान का गठन एक स्वैच्छिक संस्थान के रूप में हुआ । इसका प्रमुख उद्देश्य हल्दीघाटी के निकट निवास करने वाले आदिवासी व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन परिवारों के साथ कार्य करना है जिनके पूर्वजों ने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर हल्दीघाटी का युद्ध लडकर उनके स्वाभिमान की रक्षा की थी। 1986 से लगभग 20 वर्षों तक निरंतर “प्रताप स्मृति पर्यावरण चेतना पदयात्रा” उदयपुर से चलकर हल्दीघाटी तक पहुचती थी । इसमें शहर व निकटवर्ति गांवों की असंख्य विशिष्ठ व आमजन ने भाग लेकर जन-जन के मानस पटल पर महाराणा प्रताप के कार्य व आदर्शों को स्थापित कर उनकी
प्रातः स्मरणीय लोक नायक रुप मे वंदना की। शाहीबाग ( हल्दी घाटी ) में वन विभाग की एक पहाड़ी पर “प्रताप स्मृति वन” विकसित होना इसी पदयात्रा की परिणिति रहा। यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि एकमात्र “सजीव सेवा समिति” को प्रताप के नाम से सम्मान देने का गौरव प्राप्त हुआ इसी श्रंखला का इस वर्ष 25 वां पुरस्कार 8 जून 2024 को विज्ञान समिति मे दिया जायेगा।
About Author
You may also like
-
बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु की शादी और उदयपुर के पर्यावरण पर सवाल
-
शिल्पग्राम महोत्सव के उद्घाटन के साथ ही शुरू हुई ‘लोक के रंग-लोक के संग की धूम’
-
जयपुर में ज्वलनशील पदार्थ से भरे टैंकर को ट्रक ने मारी टक्कर, पूरा इलाका आगे की लपटों में घिरा, 9 लोगों की जलने से मौत, 35 से ज्यादा झुलसे
-
नशीला पदार्थ देकर पत्नी के साथ बलात्कार करने वाले पति समेत 51 पुरुषों को सजा तो मिली पर कम मिली…यहां पढ़िए पूरी कहानी
-
उदयपुर पुलिस, यूट्यूबर पत्रकार और स्वास्थ्य अधिकारी : क्या है असल कहानी?