कॉलेज प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ. विपिन माथुर ने लेखक और पुस्तक की सराहना की
उदयपुर। आरएनटी मेडिकल कॉलेज में मुंबई के सीनियर रेजिडेंट डॉ. आसिफ पटेल की पुस्तक फिजियोलॉजी सिम्प्लीफाइड पुस्तक का विमोचन किया गया। आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ. विपिन माथुर ने पुस्तक के लेखक और लेखन सामग्री की सराहना करते हुए कि पाठ्यपुस्तकों का अपना महत्व है, जिस पर गंभीरता बरतने की जरूरत है।
मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित विमोचन समारोह में डॉ. विपिन माथुर ने कहा कि पुस्तक में मेडिकल शिक्षा के बदलते पैटर्न पर बात कही गई है। इसमें विस्तार से बताया कि किस प्रकार स्टूडेंट्स अच्छी पुस्तकों को ठंडे बस्ते में रखकर शॉर्टकट पैटर्न अपना रहे हैं। ऑनलाइन संसाधनों की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने पुस्तक का वर्णन करते हुए संकेत दिया कि यह किताब मानक पाठ्यपुस्तकों में स्टूडेंट्स की रुचि बढ़ाने में मदद कर सकती है। अंत में डॉ. माथुर ने डॉ. आसिफ से अपील की कि वे इस पुस्तक के बारे में पूरे राजस्थान में प्रचार-प्रसार करें ताकि सभी मेडिकल छात्रों को लाभ मिल सके।
इस कार्यक्रम में एंडक्राइनोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप कंसारा, डॉ. मोना सूद, जैव रसायन विभाग की अध्यक्ष डॉ. शुचि गोयल, फिजियोलॉजी असिस्टेंट प्रो. उर्मिला चौधरी ने पुस्तक के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। लेखक डॉ. आसिफ पटेल ने पुस्तक के निर्माण की कहानी साझा की।
उन्होंने बताया-जैसा कि पुस्तक के नाम से ही विदित है-फिजियोलॉजी सिम्प्लीफाइड विषय को सरल तरीके से समझाया गया है। जटिल शारीरिक अवधारणाओं को आसानी से समझने योग्य बिंदुओं को शामिल किया गया। परीक्षक के दिमाग और प्रथम वर्ष के छात्रों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पुस्तक को लिखा गया है। इसमें संक्षिप्त फ़्लोचार्ट और आरेखों में व्यापक जानकारी दी गई है। परीक्षा की तैयारी के लिहाज से भी यह पुस्तक बेहतर है। बिक्री के लिए अमेजन पर पुस्तक उपलब्ध है।
लेखक डॉ. आसिफ पटेल वर्तमान में सेठ जीएसएमसी और केईएम अस्पताल, मुंबई में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग में एक वरिष्ठ रेजिडेंट हैं। वह प्रतिष्ठित ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबल के पूर्व छात्र हैं, जहाँ से उन्होंने एम.डी. की पढ़ाई पूरी की। शुरू से ही उन्होंने फिजियोलॉजी में गहरी रुचि विकसित की, जो बाद में मेडिसिन और एंडोक्राइनोलॉजी में बदल गई। लेखक ने फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री में डिस्टिंक्शन हासिल किए। उन्हें अपने जूनियर और छात्रों को यूजी दिनों से ही पढ़ाना पसंद है, जबकि वे खुद भी आजीवन सीखने वाले हैं। शिक्षण में उनकी रुचि तब देखी गई जब उन्होंने जीएमसी मुंबई में प्रथम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों के लिए एंकर टेस्ट सीरीज़ शुरू की। उनके नाम पर कुछ शोध प्रकाशन हैं और वे केईएम अस्पताल, मुंबई में शोध परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्हें स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के बारे में लिखना पसंद है और वे “स्वस्थ.स्वस्थ और बुद्धिमान” पर ब्लॉग लिखते हैं। वे एक स्थानीय समाचार पत्र में स्वास्थ्य जागरूकता कॉलम “आरोग्य संग्राम” के लिए भी लिखते हैं।
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