विश्व पर्यावरण दिवस 2025 : हिन्दुस्तान जिंक बनी 3.32 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी, 2030 के लिए घोषित किए महत्वाकांक्षी सतत विकास लक्ष्य

उदयपुर। भारत की अग्रणी गैर-लौह धातु उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। डीएनवी बिजनेस एश्योरेंस इंडिया प्रा. लि. द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित रिपोर्ट के अनुसार, हिन्दुस्तान जिंक अब 3.32 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी बन चुकी है। यह स्थिति कंपनी के पूर्व वाटर पॉजिटिव सूचकांक 2.41 से एक बड़ा उन्नयन है, जो इसके जल प्रबंधन और संरक्षण के प्रति दीर्घकालिक समर्पण को दर्शाता है।

राजस्थान के जल संकटग्रस्त क्षेत्र में जल संरक्षण की मिसाल

राजस्थान जैसे जल संकट से ग्रस्त राज्य में कार्य करते हुए, हिन्दुस्तान जिंक ने वाटर पॉजिटिव और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) सिद्धांतों को अपनाकर अपनी पहचान बनाई है। कंपनी ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6 “साफ जल और स्वच्छता” के अनुरूप अपनी रणनीतियाँ विकसित की हैं। जल का उपचार, पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग कर कंपनी ने शुद्ध जल की खपत को सीमित किया है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम हुआ है।

2030 तक शुद्ध जल खपत में 50% कटौती का लक्ष्य

हिन्दुस्तान जिंक ने 2030 तक अपने संचालन में शुद्ध जल खपत को 50% तक घटाने का लक्ष्य घोषित किया है, जिसकी आधाररेखा वर्ष 2020 रखी गई है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने सभी स्मेल्टर्स संचालन में 100% निम्न गुणवत्ता वाले पानी के उपयोग का संकल्प लिया है, जिससे पीने योग्य पानी की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

कंपनी की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने इस अवसर पर कहा : “पानी केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि एक साझा विरासत है। 3.32 वाटर पॉजिटिव बनना हमारी इस प्रतिबद्धता का परिणाम है कि हम न केवल जल स्रोतों का संरक्षण कर रहे हैं बल्कि जल-तनावग्रस्त क्षेत्रों में सतत खनन की एक नई परिभाषा भी गढ़ रहे हैं।”

जल संरक्षण को सुदृढ़ करती आधुनिक परियोजनाएँ

वर्ष 2025 की शुरुआत में, हिन्दुस्तान जिंक ने रामपुरा आगुचा में प्रतिदिन 4000 किलोलीटर क्षमता वाला ZLD प्लांट शुरू किया। यह दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत जिंक खदान संचालन में से एक है। इससे पहले से कार्यरत प्लांट्स — देबारी, दरीबा, चंदेरिया और जावर — को मिलाकर, कंपनी ने राजस्थान में जल पुनर्चक्रण को एक स्थायी संस्कृति के रूप में स्थापित किया है।

ऊर्जा क्षेत्र में भी अग्रणी पहल: 70% रिन्यूएबल ऊर्जा का लक्ष्य

जल संरक्षण के साथ-साथ, हिन्दुस्तान जिंक ने ऊर्जा स्थिरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में, कंपनी ने 13% ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त की और 2050 से पहले नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य घोषित किया है।

इसके अलावा, कम्पनी ने 530 मेगावाट 24×7 रिन्यूएबल एनर्जी आपूर्ति हेतु MOU पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे आने वाले वर्षों में 70% ऊर्जा आवश्यकता हरित स्रोतों से पूरी करने की योजना है। ऊर्जा दक्षता बढ़ाने हेतु, टर्बाइनों का पुनरुद्धार, सेलहाउस कार्यक्षमता में वृद्धि, वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव की स्थापना और वैकल्पिक ईंधन अपनाने जैसे अनेक नवाचार किए गए हैं।

पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक संकल्प

विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में, हिन्दुस्तान जिंक ने एक सप्ताहव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जिसमें:

1.5 लाख पौधारोपण

पर्यावरण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता

अपशिष्ट से धन निर्माण चुनौतियाँ

ईको फ्रेंडली क्रिकेट टूर्नामेंट
जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ शामिल रहीं।

इकोजेन: एशिया का पहला ग्रीन जिंक

कंपनी को हाल ही में एशिया के पहले कम कार्बन वाले ग्रीन जिंक – इकोजेन के सफल उत्पादन के लिए मान्यता प्राप्त हुई है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर पारंपरिक धातु उत्पादन से होने वाले कार्बन फुटप्रिंट को न्यूनतम किया गया है।

वैश्विक मानकों पर आधारित टिकाऊ लक्ष्य

हिन्दुस्तान जिंक, मेटल और माइनिंग क्षेत्र की भारत की पहली कंपनी है जिसने 1.5 डिग्री सेल्सियस वैश्विक तापमान सीमा के अनुरूप SBTi (Science-Based Target Initiative) द्वारा सत्यापित लक्ष्य प्राप्त किए हैं। इसके अतिरिक्त, इसके उत्पाद पोर्टफोलियो को ईपीडी (Environmental Product Declaration) प्रमाणित किया गया है, जो पर्यावरण प्रभाव पर पारदर्शिता को दर्शाता है।

सीडीपी (CDP) से मिला A- लीडरशिप स्कोर

जल संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कंपनी के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए, हिन्दुस्तान जिंक को कार्बन डिस्क्लोज़र प्रोजेक्ट (CDP) से लीडरशिप बैंड A- का प्रतिष्ठित स्कोर प्राप्त हुआ है। यह वैश्विक मानकों पर आधारित प्रदर्शन मान्यता है जो उद्योग जगत में कंपनी की अग्रणी स्थिति को पुष्ट करता है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर हिन्दुस्तान जिंक की उपलब्धियाँ न केवल भारत, बल्कि वैश्विक उद्योग जगत के लिए एक प्रेरणा हैं। जल प्रबंधन, स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के प्रति इसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दर्शाती है कि पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और औद्योगिक सफलता एक साथ चल सकते हैं। सतत विकास की इस दौड़ में हिन्दुस्तान जिंक न केवल सहभागी है, बल्कि एक मॉडल लीडर के रूप में उभरा है।

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