चौथी नेशनल दिव्यांग T-20 क्रिकेट चैंपियनशिप का पुरज़ोर आगाज़ : प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ को इनाम में मिलेगी कार



उदयपुर। फील्ड क्लब मैदान पर एक नया रंग जमा, जब चौथी नेशनल फिजिकल डिसेबिलिटी T-20 क्रिकेट चैंपियनशिप का पुरजोश आगाज़ हुआ। नारायण सेवा और डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (DCCI) के ज़ेर-ए-एहतमाम (संयुक्त तत्वावधान) इस शानदार इवेंट में 24 टीमों के 400 से ज़्यादा खिलाड़ियों ने शिरकत की। इस मरहले (आयोजन) में सबसे ज़बरदस्त किरदार निभाने वाले प्लेयर को इनाम में एक चमचमाती कार मिलेगी, जो इस मुक़ाबले के रौनक़ को और भी बढ़ा देगी।

उद्घाटन की इस शानदार तक़रीब का आग़ाज़ सांसद डॉ. मन्नालाल रावत और पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली मोना अग्रवाल के हाथों हुआ। खिलाड़ियों ने अपने मुल्क के झंडे को सलामी देकर मैदान में अपना जोश और जज़्बा दिखाया। डॉ. रावत ने तक़रीर (संबोधन) करते हुए कहा, “इन खिलाड़ियों ने जिस जज़्बे और जुनून का मुज़ाहिरा (प्रदर्शन) किया है, वो किसी क़िस्म की कमी को मात देता है। हालिया पैरालंपिक में इनकी कामयाबियां इसका बेहतरीन सबूत हैं।”

चैंपियनशिप का पहला मैच राजस्थान और केरल के दरमियान हुआ, जिसमें दोनों टीमों ने शानदार खेल का मुज़ाहिरा किया। हर गेंद और हर शॉट जैसे अपने साथ एक नई दास्तान लेकर आया।

नारायण सेवा संस्थान के सदर प्रशांत अग्रवाल ने मेहमानों और खिलाड़ियों का इस्तकबाल करते हुए कहा कि उनका मक़सद दिव्यांग खिलाड़ियों को एक सशक्त मंच फराहम (उपलब्ध) करना है, और इसी जज़्बे के तहत 2017 से ये चैंपियनशिप मुनक्किद हो रही है।

DCCI के सचिव रविकांत चौहान ने बताया कि खिलाड़ियों का इंतेख़ाब पिछले एक साल में हुए मुख़्तलिफ़ टूर्नामेंटों के नतीजों के बुनियाद पर किया गया है। ज़्यादातर खिलाड़ी एक हाथ, एक पैर या दीगर शारीरिक कमियों के बावजूद मैदान में अपना लोहा मनवाते नज़र आएंगे। इस खेल में हर टीम को 4 रनर दिए जाएंगे, जो उन खिलाड़ियों की मदद करेंगे जो दौड़ने से कासिर हैं।

चैंपियनशिप के खास मेहमानों में इंडिया टीम के कप्तान विराट कैनी, मुम्बई के रविंद्र सन्ते, और विदर्भ के गुरुदास राउत शामिल हैं, जो पैरा वर्ल्ड कप में अपने फन का जलवा दिखा चुके हैं। इस चैंपियनशिप में सबसे बेहतरीन अदाकारी करने वाले खिलाड़ी को कार और मैन ऑफ द सीरीज़ को स्कूटी दी जाएगी।

इस मर्तबा, मैदान पर जो खेल रचा जा रहा है, उसमें हर खिलाड़ी अपने हौसले और इरादों से जीत का परचम लहराने के लिए बेताब है। गेंद और बल्ले की हर टक्कर जैसे कोई नई कहानी लिख रही है, और इस खेल के हीरो वो हैं, जिन्होंने अपने जज़्बे को अपनी ताक़त बना लिया है।

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