मुख्यमंत्री ने ली संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक
उदयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार का ध्येय सबका साथ-सबका विकास है। जनता ने भरोसा किया है। हमारा दायित्व है कि अपने कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा से निभाते हुए भरोसे को कायम रखें। सरकार की हर योजना का लाभ अंतिम पंक्ति में बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए अधिकारी पूर्ण संवेदनशीलता के साथ काम करें।
मुख्यमंत्री श्री शर्मा मंगलवार को उदयपुर प्रवास के दौरान देर शाम संभागीय आयुक्त कार्यालय में संभाग स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने स्वागत करते हुए संभाग के सभी जिलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिरीक्षक अजयपाल लांबा से संभाग में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली। साथ ही संगठित अपराधों की स्थिति और पुलिस की कवायदों के बारे में फीडबैक लिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार जीरो टॉलरेंट की नीति पर काम कर रही है। संगठित अपराधों पर सख्ती से नकेल कसें। मुख्यमंत्री ने विभागवार योजनाओं की जानकारी लेते हुए बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा सुविधाओं आदि की बिन्दूवार समीक्षा की। विभागीय अधिकारियों ने योजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए आगामी समय में प्रस्तावित कार्यों से भी अवगत कराया।
बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, जिला प्रमुख श्रीमती ममता पंवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार, देवस्थान आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, एसीबी डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल, संभाग के सभी पांच जिलों के कलक्टर्स और एसपी, सीसीएफ आर.के.जैन, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त महावीर खराड़ी सहित अन्य संभाग स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
अभय कमांड सेंटर का हो समुचित उपयोग
बैठक में मुख्यमंत्री ने अभय कमाण्ड सेंटर के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अभय कमाण्ड सेंटर अपराध नियंत्रण में कारगर सिद्ध हो सकते हैं, बशर्त की उनका संचालन सुचारू रूप से हो। सेंटर के तहत लगे कैमरों का समय-समय पर रखरखाव किया जाए। इससे पूर्व आईजी श्री लांबा ने अभय कमाण्ड सेंटर की पूरी प्रक्रिया बताई। चित्तौडगढ़ और राजसमंद पुलिस अधीक्षकों ने अभय कमाण्ड सेंटर की मदद से गंभीर अपराधों का समय रहते खुलासा करने में मिली सफलताओं की जानकारी दी।
प्रतिदिन के कार्यों का करें आत्म विश्लेषण
बैठक में मुख्यमंत्री का फोकस गुड गर्वनेंस पर रहा। उन्होंने कहा कि राज कार्य से आमजन को बदलाव महसूस होना चाहिए। अधिकारी अपने प्रतिदिन के कार्यों का आत्म विश्लेषण करें। विभागीय कार्यों की प्रॉपर मॉनिटरिंग हो, ताकि उनका लाभ आमजन को समय पर मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को दफ्तरों में अच्छी व्यवस्था और माहौल तैयार करने की भी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि व्यवस्था बनाना हमारे हाथ में है। जूनियर कार्मिक सीनियर की तरफ देखता है, उसे सही निर्देश दें, ताकि वह कार्य को समय पर और सही ढंग से संपादित कर सके। ऐसा होने से कार्य की गुणवत्ता भी अच्छी रहेगी।
विकसित भारत संकल्प यात्रा की हो मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रत्येक भारतीय को समर्थ और सशक्त बनाने तथा देश को आजादी की 100वीं वर्षगांठ तक विकसित राष्ट्र की पंक्ति में खड़ा करने की संकल्पना का मूर्त रूप देने का अनुष्ठान है। इसे पूर्ण गंभीरता से लिया जाए। अधिकारी इसकी सतत मॉनिटरिंग कर शिविरों में शत-प्रतिशत पात्र लोगों को लाभान्वित करें।
मेवाड़ समूचे राजस्थान में विशिष्ट
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने मेवाड़ के शौर्य, बलिदान को विश्व के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा कि मेवाड़ राजस्थान का विशिष्ट क्षेत्र हैं। यहां की माटी से आज भी महाराणा प्रताप की देशभक्ति, रानी पद्मिनी और हाड़ी रानी के बलिदान, पन्नाधाय की स्वामीभक्ति और मीरा के आध्यात्मिक समर्पण की महक आती है। यह क्षेत्र श्रीनाथजी, सांवलिया जी, एकलिंगनाथ, जगदीश जैसे मंदिरों की वजह से धार्मिक आस्थाओं का केन्द्र भी है।
जन सुनवाई पर विशेष ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन की समस्याओं को संवेदनशीलता पूर्व सुनकर उसके त्वरित समाधान की दिशा में काम हो। आम व्यक्ति बड़ी उम्मीद लेकर अधिकारियों के पास आता है। उस व्यक्ति की बात जरूर सुनें और यथासंभव सहयोग करें। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि जमीनी स्तर पर पीड़ित को न्याय मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनजाति क्षेत्र है। यहां के लोगों की कठिन जीवनचर्या है। उनके वनाधिकार पट्टे, मकान आदि की सुविधा पर जोर दें। कहीं कोई तकनीकी अड़चन हो तो नियमानुसार रास्ता निकालकर उन्हें राहत प्रदान की जाए।
भविष्योन्मुखी योजनाओं पर हो काम
मुख्यमंत्री ने बैठक में कृषि विभाग की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग की भौगोलिक स्थिति और मौसम प्राकृतिक कृषि के लिए अनुकूल है। परंपरागत की बताए नए तरीके की कृषि को बढ़ावा दिया जाए और भविष्योन्मुखी योजनाओं पर काम होना चाहिए। उन्होंने फल आधारित कृषि को बढ़ावा देने तथा पड़ौसी राज्य गुजरात में इसके लिए बाजार की संभावनाएं तलाशे की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का प्लान 5 वर्ष का नहीं होकर 25 वर्ष के लिए होना चाहिए, ताकि आमजन को योजनाओं का लाभ मिल सके।
बैठक के अंत में संभागीय आयुक्त ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि संभाग के सभी अधिकारीगण सरकार की मंशा अनुरूप् आमजन को राहत प्रदान करने का कार्य करेंगे और अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे।
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