
नई दिल्ली। जैसे ही मई-जून की गर्म लपटें शहर और गांव दोनों को झुलसाने लगती हैं, शरीर और मन दोनों राहत की तलाश में भटकने लगते हैं। बाजारों में शीतल पेयों की भरमार होती है, लेकिन अगर सच्ची ठंडक और किफायती राहत चाहिए, तो हमारी दादी-नानी के खजाने से बेहतर कोई विकल्प नहीं। ये नुस्खे पीढ़ियों से आजमाए जा रहे हैं, और गर्मी के प्रकोप को मात देने में बेहद असरदार हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही परंपरागत घरेलू उपाय, जो इस तपती धूप में आपको सुकून और ताजगी प्रदान कर सकते हैं।
1. पुदीना – हरियाली में छिपा ठंडक का खजाना
गर्मी में अगर कोई सबसे सस्ता, टिकाऊ और प्रभावी उपाय है, तो वो है पुदीना।
कैसे इस्तेमाल करें :
10-15 पत्तियों को पीसकर एक गिलास ठंडे पानी में मिलाएं।
उसमें थोड़ा काला नमक डालें और दिन में 1-2 बार पिएं।
फायदे :
शरीर को ठंडक देता है।
पाचन क्रिया को मजबूत करता है।
त्वचा पर स्प्रे करने से चेहरे को ताजगी मिलती है और सनबर्न में राहत मिलती है।
2. नींबू और शहद – एनर्जी का प्राकृतिक स्रोत
जब सूरज सिर पर हो और शरीर थका हुआ महसूस करे, तो नींबू-शहद का पेय आपके लिए संजीवनी साबित हो सकता है।
कैसे बनाएं :
एक गिलास ठंडे पानी में आधा नींबू निचोड़ें।
एक चम्मच शहद और एक चुटकी काला नमक मिलाएं।
कब पिएं:
सुबह खाली पेट या दोपहर के समय जब शरीर थका हुआ महसूस हो।
फायदे :
हीट स्ट्रोक से बचाता है।
शरीर को हाइड्रेट रखता है।
ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है।
3. सौंफ का शरबत – ठंडक की मिठास
सौंफ सिर्फ माउथ फ्रेशनर ही नहीं, गर्मी का रामबाण इलाज भी है।
कैसे बनाएं :
एक चम्मच सौंफ रातभर पानी में भिगो दें।
सुबह छानकर उसमें थोड़ा मिश्री पाउडर मिलाएं और पिएं।
फायदे :
पेट की गर्मी को शांत करता है।
मुंह को ठंडक और ताजगी देता है।
पाचन में सहायक।
4. धनिया – छोटा बीज, बड़े फायदे
धनिये का रस गर्मियों में शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
कैसे इस्तेमाल करें:
ताजा हरा धनिया पीसकर उसका रस निकालें।
एक चम्मच रस को एक गिलास पानी में मिलाएं, स्वाद के लिए नींबू भी डाल सकते हैं।
फायदे :
शरीर को डिटॉक्स करता है।
पेट की गर्मी को शांत करता है।
लू से बचाव में मदद करता है।
बुजुर्गों की सीख, विज्ञान की मोहर
इन घरेलू नुस्खों को केवल परंपरा के भरोसे मत आंकिए। आधुनिक आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पुदीना, नींबू, सौंफ और धनिया जैसे तत्वों में कूलिंग प्रॉपर्टीज, एंटीऑक्सीडेंट्स और डिटॉक्सिंग एजेंट्स पाए जाते हैं, जो गर्मी में शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित और तरोताजा रखते हैं।
थोड़ी सावधानी, बहुत सारा फायदा
इन नुस्खों को अपनाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:
अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं या दवाइयां ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर या वैद्य से सलाह लें।
सामग्री शुद्ध और ताजा होनी चाहिए।
किसी भी पेय का अत्यधिक सेवन ना करें – संयम में ही लाभ है।
ठंडक तलाशने का देसी तरीका
गर्मी के इस मौसम में अगर आपको एयर कंडीशनर, बर्फीले पेय या बाजारू ड्रिंक्स से भी राहत नहीं मिल रही, तो एक बार दादी-नानी की रसोई में झांककर देखिए। उनके अनुभव और प्यार से भरे ये देसी नुस्खे न सिर्फ शरीर को ठंडक देंगे, बल्कि एक अपनापन भी महसूस कराएंगे। ये वो खजाना है, जो आधुनिकता की चमक में भी अपनी चमक नहीं खोता।
तो इस बार गर्मी को जवाब दें – दादी के नुस्खों के अंदाज में
लू से बचाव: जानिए गर्मी में क्या करें, क्या खाएं और क्या पिएं
नई दिल्ली।
भारत में गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य चुनौतियाँ लेकर आता है, जिनमें सबसे खतरनाक होती है – लू। यह एक गंभीर गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य स्थिति है, जो शरीर के तापमान को असामान्य रूप से बढ़ा देती है। अगर समय पर इससे बचाव न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। भारत के उत्तर और मध्य भागों में, विशेष रूप से मई-जून के महीने में लू का प्रकोप चरम पर होता है।
इस लेख में हम लू से बचने के घरेलू उपाय, खानपान, कपड़े, दिनचर्या और कुछ पारंपरिक उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप इस तपती गर्मी में खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
लू क्या है और यह शरीर को कैसे प्रभावित करती है?
लू एक प्रकार की हीट स्ट्रोक है, जो शरीर के तापमान नियंत्रण तंत्र को प्रभावित करती है। आमतौर पर जब शरीर अधिक गर्म होता है, तो पसीने के माध्यम से शरीर खुद को ठंडा करता है। लेकिन अत्यधिक गर्मी और तेज़ गर्म हवाओं के कारण शरीर का यह सिस्टम फेल हो सकता है, जिससे अंदरूनी तापमान 104°F (40°C) या उससे अधिक हो सकता है।
लू के प्रमुख लक्षण:
तेज बुखार
सिरदर्द
शरीर में जलन
चक्कर आना
मिचली और उल्टी
त्वचा का लाल और गर्म होना
थकावट और बेहोशी
अगर ये लक्षण दिखाई दें, तो यह संकेत हो सकते हैं कि लू लग चुकी है, और तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है।
लू से बचाव के आसान लेकिन कारगर उपाय
1. दोपहर में बाहर निकलने से बचें
दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक की धूप सबसे अधिक खतरनाक होती है। इस समय घर के अंदर ही रहें। जरूरी काम सुबह जल्दी या शाम को निपटाएं।
2. ढीले और हल्के कपड़े पहनें
गर्मी में सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें जो शरीर को सांस लेने दें और पसीना जल्दी सूखने दें। काले या गहरे रंग के कपड़े गर्मी को ज्यादा आकर्षित करते हैं।
3. छाता, टोपी और स्कार्फ का प्रयोग करें
बाहर निकलते समय सिर और गर्दन को ढकना जरूरी है। इससे सूर्य की सीधी किरणों से बचाव होता है।
4. पैरों की रक्षा भी जरूरी है
गर्म जमीन पर नंगे पैर न चलें। हवादार और मोटे सोल वाले चप्पल या जूते पहनें।
लू से बचाव में खानपान का क्या है रोल?
1. पानी और हाइड्रेशन है सबसे जरूरी
गर्मी में शरीर से काफी मात्रा में पानी
और इलेक्ट्रोलाइट्स निकलते हैं। अतः दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी जरूर पिएं। साथ ही कुछ देसी ड्रिंक्स को अपनाएं:
नींबू पानी: इसमें नमक और चीनी मिलाकर पीने से शरीर को ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स मिलते हैं।
छाछ और लस्सी: पाचन भी सुधरेगा और शरीर ठंडा भी रहेगा।
सत्तू का शरबत: ऊर्जा देने वाला सस्ते और पोषण से भरपूर पेय।
बेल का शरबत: पेट की गर्मी दूर करता है और लू से बचाता है।
नारियल पानी: पोटैशियम और मिनरल्स का बेहतर स्रोत।
पुदीना-जीरा छाछ: पेट को ठंडा और हल्का रखने में सहायक।
2. मौसमी फल और सब्जियां
गर्मी में कुछ ऐसे फल और सब्जियां होती हैं जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देतीं:
तरबूज, खरबूजा, अनार, संतरा, अनानास – ये शरीर को हाइड्रेट और विटामिन-सी से भरपूर रखते हैं।
खीरा, ककड़ी, टमाटर, पालक – इन्हें सलाद में शामिल करें।
पुदीना और धनिया – कूलिंग एजेंट का काम करते हैं।
3. क्या न खाएं?
ज़्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना
जंक फूड और पैकेज्ड स्नैक्स
चाय और कॉफी (कैफीन शरीर से पानी बाहर निकालती है)
मांसाहारी भोजन (गर्मी बढ़ाता है)
शराब और सॉफ्ट ड्रिंक्स (डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं)
घर की देखभाल: अंदर का वातावरण भी रखे ठंडा
खिड़कियों पर गीला परदा लगाएं या मोटे पर्दों से धूप रोकें
पानी से पोछा लगाते रहें जिससे तापमान कम बना रहे
अगर कूलर है तो उसमें बर्फ या खुशबूदार पानी डालें
बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है
बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ध्यान
बच्चे और बुजुर्ग लू की चपेट में जल्दी आते हैं। उनके लिए ये करें:
हल्के और सूती कपड़े पहनाएं
हर एक-दो घंटे में पानी पिलाएं
उन्हें अकेले बाहर खेलने या घूमने न भेजें
बार-बार चेक करें कि कहीं थकावट या चक्कर तो नहीं आ रहे
लू लग जाए तो क्या करें?
अगर किसी को लू लग जाए, तो इन उपायों को तुरंत अपनाएं:
मरीज को छायादार और ठंडी जगह ले जाएं
शरीर को गीले कपड़े से पोंछें या ठंडे पानी से स्नान कराएं
नींबू-पानी या ORS घोल पिलाएं (अगर व्यक्ति होश में है)
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
पारंपरिक आयुर्वेदिक नुस्खे
शीतली और शीतकारी प्राणायाम: यह योग की विधि शरीर को अंदर से ठंडा करने में मदद करती है।
अलसी और धनिया का काढ़ा: इसमें शरीर को ठंडा करने के गुण होते हैं।
गुलकंद: गुलाब की पंखुड़ियों से बना यह पाचन और शरीर को ठंडा रखने के लिए बहुत अच्छा है।
निष्कर्ष: गर्मी में सतर्क रहना ही है सबसे अच्छा इलाज
गर्मी कोई बीमारी नहीं, पर सावधानी न बरती जाए तो यह कई बीमारियों को दावत दे सकती है। लू से बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या, खानपान और रहन-सहन में बदलाव करें। देसी नुस्खों और आधुनिक जानकारी के मिश्रण से हम इस मौसम का सामना बेहतर ढंग से कर सकते हैं।
ध्यान रखें:
गर्मी में खुद को बचाना सिर्फ आपकी जिम्मेदारी नहीं, यह आपके पूरे परिवार और समाज की सेहत का सवाल है। इसलिए जानकारी साझा करें, सावधानी बरतें और स्वस्थ रहें।
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