सिलक्यारा। उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। सभी मजदूरों को सिल्कयारा सुरंग स्थल से एम्बुलेंस अस्पताल लेकर रवाना हुई है।
मजदूरों के सकुशल बाहर आने की सरकार ने तो राहत की सांस ली है, लेकिन मजदूरों के परिवार वालों और रिश्तेदारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह खबर आते ही पूरे देश में लोगों ने खुशी का इजहार किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मजदूरों के स्वास्थ्य की जानकारी ली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा-मैं खुश हूं क्योंकि सिल्कयारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है।
आपको बता दें कि राजस्थान के उदयपुर में देवास पेयजल योजना की सुरंग की खुदाई के समय नारायण नाम का एक श्रमिक फंस गया था, जिसकी कुछ दिनों के ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला जा सका था।
आइए जानते हैं उत्तराखंड के इस हादसे में कब क्या हुआ
24 नवंबर
शुक्रवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई लेकिन फिर रोकनी पड़ी
25 नवंबर
मैनुअल ड्रिंलिग शुरू की गई
26 नवंबर
सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई.
27 नवंबर
वर्टिकल खुदाई जारी रही
28 नवंबरदोपहर में रेस्क्यू टीम के लोग मज़दूरों तक पहुंचे और सुरंग में पाइप डालने का काम पूरा हुआ. इसके बाद मज़दूरों को बाहर निकालना शुरू किया गया।
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