जयपुर/जैसलमेर। जैसलमेर जिले की मोहनगढ़ थाना पुलिस की टीम ने शातिर नकबजन गिरोह का खुलासा कर हनुमानगढ़ जिले में थाना टिब्बी अंर्तगत गांव मलडखेड़ा निवासी सुखराम बावरी पुत्र बलबीर सिंह (25) एवं गुरबचन सिंह बावरी पुत्र सुंदर सिंह (26) तथा साबूआना निवासी गुरदीप सिंह बावरी पुत्र प्रीतम सिंह (29) को 20 किलोमीटर इनके पद चिन्ह का पीछा कर गिरफ्तार किया है।
एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि घटना के संबंध में छ: ढाणी मोहनगढ़ निवासी इस्लाम खान द्वारा रिपोर्ट दी गई कि 12 मई की रात वह परिवार सहित घर के आंगन में सो रहा था। रात को को अज्ञात चोर घर में घुसकर कमरे का ताला तोड़ अंदर रखी संदूक उठाकर ले गए। उसी रात पड़ोसी रहीम खान के घर से भी चोर संदूक चुरा ले गये।
पद चिन्हों के आधार पर उन्होंने पीछा किया तो कुछ दूरी पर रहीम खान का संदूक मिल गया। जिसमें रखे 1 लाख रुपये नहीं थे। उससे थोड़ी दूर आगे झाड़ियां में फेंका हुआ उसका संदूक भी मिल गया। जिसमें 15 हजार नगद व सोने चांदी के गहने नहीं थे। बाकी सामान बिखरा हुआ मिला। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
जिले में लगातार एक ही तरीके से हो रही नक़बज़नी की बड़ी वारदातों को गंभीरता से लेते हुए एसपी चौधरी द्वारा घटना की खुलासे एवं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह भाटी व सीओ संजीव कटेवा के सुपरविजन एवं एसएचओ मोहनगढ़ प्रेम प्रकाश के नेतृत्व में टीम गठित की गई। गठित टीमों द्वारा ग्रामीणों व मुखबिरों के सहयोग से करीब 20 किलोमीटर अस्पस्ट पदचिन्हों का पीछा कर गिरोह का खुलासा करते हुए इन तीनों नकबजनो को गिरफ्तार किया है।
चार जिलों में एक दर्जन वारदात करना किया स्वीकार
प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों द्वारा जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर व हनुमानगढ़ जिले में एक दर्जन से अधिक वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है। पुलिस की टीम इनसे विस्तृत पूछताछ कर रही है। जिससे और भी वारदातों की खुलासा होने की पूरी संभावना है।
टारगेट घर का गूगल मैप से करते हैं निरीक्षण
पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह के व्यक्ति बाइक या अन्य चौपहिया वाहनों से घर से 300-400 किलोमीटर दूर जाकर गूगल मैप से रहवासी मकान का निरीक्षण कर चयन करते हैं। उसके बाद वाहन को छोड़ पैदल-पैदल दो-तीन किलोमीटर चलकर मौके पर पहुंचते है।
आवाज न हो इसके लिये पैरों में पहनते हैं दो-तीन जुराब
आरोपी 2-3 जुराब पहनकर पैरों की आहट को कम कर सोए हुए घर वालों की नजरों से बचकर खिड़की, दरवाजों और छतों से घर में प्रवेश कर नगद रुपए व गहने रखे बक्से या संदूक को उठाकर 500-600 मीटर की दूरी पर ले जाकर ताला तोड़ कीमती सामान चुरा लेते हैं। वे अन्य सामान को वहीं छोड़ भाग जाते हैं। एक ही रात में दो-तीन घरों को निशाना बनाया जाता है।
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