उदयपुर। बीजेपी और कांग्रेस पार्टी से इतर कुछ लोगों की सियासत को समझना जरूरी है। जनता समझ भी रही है, लेकिन सियासत करने वाले खुद को चाणक्य समझ रहे हैं। उदयपुर में दो मुद्दे सियासत के केंद्र में है। एक 272 भूखंड कथित रूप से गायब होने का मामला और दूसरा एलिवेटेड रोड का है।
समझने वाली बात यह है कि विधायक ताराचंद जैन ने पूरा दमखम लगाकर बजट में एलिवेटेड रोड निर्माण की स्वीकृत करवाई है यानी वो चाहते हैं एलिवेटेड रोड बने। अब पूर्व पार्षद अजय पोरवाल ने एलिवेटेड रोड के मुद्दे को निकाय चुनाव से जोड़कर अपना पक्ष रखा है और बीजेपी पर निशाना साधा है। यह बात अलग है कि विधायक ताराचंद जैन उसी 272 भूखंड के मुद्दे को विधानसभा में उठा रहे हैं, जिसकी शुरुआत कथित रूप से अजय पोरवाल ने की थी।
दो बातें पहले लिख चुका हूं कि पहली 272 भूखंड का मुद्दा पूरी तरह से मीडिया ट्रायल और प्रोपेगेंडा है। यदि यह मुद्दा सही होता तो दो साल में कार्रवाई आगे क्यों नहीं बढ़ी। दूसरी बात विधायक ताराचंद जैन को लोग अपने स्वार्थ के लिए कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं? इसको उनकी सरलता और सहजता कह सकते हैं। यहां पूर्व विधायक एवं मंत्री गुलाबचंद कटारिया की तारीफ करनी चाहिए कि शहर में किसी भी मुद्दे को किसी के कहने पर नहीं उठाया। वे जो भी मुद्दा उठाते अपने विवेक और ठोक बजाकर उठाते थे।
इन दोनों मुद्दों पर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर के सामने अपना पक्ष शालीनता से रखा है। व्यक्तिगत प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के पदाधिकारी कभी दिखाई नहीं दिए।
बहरहाल छोटे से उदयपुर की जनता तमाम नेताओं से वाकिफ है-कौन कितने गहरे पानी पेठ है।
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