उदयपुर। बारिश से पहले आयड़ नदी की स्थिति बिल्कुल उस शख्स की तरह थी, जिसने ब्यूटी पार्लर से ताजा-ताजा मेकअप करवाया हो। कल्पना कीजिए, एक महिला ने पार्लर से निकलते ही अचानक बारिश में भीगना शुरू कर दिया, और सारा मेकअप बह गया। परिवार वाले भी उसे पहचानने से इनकार कर दें। आयड़ का विकास भी ऐसा ही प्रतीत हो रहा है—बारिश ने मेकअप धो दिया और असली चेहरा सबके सामने आ गया।
लाखों रुपए जो इस नदी के विकास पर खर्च किए गए हैं, वे फिलहाल बारिश के पानी और कीचड़ के बीच कहीं बह गए हैं। जब सूरज निकलेगा और पानी सूखेगा, तब ही इन विकास कार्यों का असली चेहरा सामने आएगा। लोग इस वक्त झीलों और नदी-नालों में पानी देखकर जितने खुश हैं, उतनी ही चिंता उन्हें इस बात की है कि आयड़ के विकास पर जो पैसा लगा था, उसका क्या हुआ।
अगर आप वेनिस की खूबसूरत नहरों का आनंद लेना चाहते हैं, तो उदयपुर से बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं। बस आयड़ के पुल पर पहुंच जाइए, और आपको वेनिस का अनुभव खुद-ब-खुद मिल जाएगा। लेकिन ठहरिए, यहां वेनिस की बात करना सिर्फ एक मजाक है, क्योंकि जिस आयड़ नदी के विकास का सपना आपको सालों से दिखाया जा रहा है, वो हकीकत में कितना खोखला है, यह यहां आकर ही पता चलेगा।
लोग अब आयड़ नदी का असली रूप देखने के लिए उत्सुक हैं। हर कोई चिंतित है कि यह विकास बह न जाए। लेकिन फिलहाल वो लोग चुप हैं जो जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ दौरे में दिखाई देते थे। ये सभी अब इन विकास कार्यों के बचे रहने की दुआएं कर रहे हैं।
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