फ़ोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर में गणेश चतुर्थी का त्योहार शनिवार को पूरे जोश-ओ-ख़रोश (उत्साह और उमंग) के साथ मनाया गया। विघ्न विनाशक और ऋद्धि-सिद्धि अता (प्रदान) करने वाले श्री गणेश के यौम-ए-पैदाइश (जन्मदिन) पर शहर के मशहूर बोहरा गणेश जी मंदिर में सुबह 5 बजे से ख़ुसूसी (विशेष) पूजा-आरती का आग़ाज़ (आरंभ) हुआ, जो दिनभर जारी रहा। अकीदतमंद (श्रद्धालु) बड़ी तादाद (संख्या) में हाज़िरी (उपस्थिति) देने के लिए लंबी क़तारों (लाइन) में खड़े नज़र आए।

मंदिर में गणपति बप्पा को 2.5 किलो सोने के ज़ेवरात (आभूषण) से सजाया गया, जिससे उनकी शबीह (छवि) और भी दिलकश (आकर्षक) हो गई। मंदिर से लेकर विनायक नगर और पुरानी यूनिवर्सिटी रोड तक मर्दों (पुरुषों) और औरतों (महिलाओं) की मुख्तलिफ़ (अलग-अलग) क़तारें (लाइनें) देखने को मिलीं। अकीदतमंदों (श्रद्धालुओं) का इस्तक़बाल (स्वागत) करने के लिए जगह-जगह पर ख़ुशआमदीद (स्वागत) काउंटर्स लगाए गए थे, जहाँ केसर वाला दूध, ठंडा पानी और शरबत तक़सीम (वितरित) किया जा रहा था।

लोगों ने गणपति बप्पा से ज़िन्दगी में ख़ुशहाली (समृद्धि) और अमन (शांति) की दुआएं मांगी। मंदिर में अकीदतमंदों (श्रद्धालुओं) को मोदक का तबर्रुक (प्रसाद) पेश किया गया, जो के गणेश जी की पसंदीदा मिठाई है।
About Author
You may also like
-
मध्यप्रदेश में दो कत्ल और एक सवाल : क्या औरत होना अब भी खता है?
-
हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड ने की समावेशी भाषा गाइडबुक लॉन्च : सम्मान की भाषा, समानता का सफर, सामाजिक और भावनात्मक दस्तावेज़
-
इश्क़ का आख़िरी वार : बस स्टैंड पर संस्कृत टीचर की हत्या
-
मेकेट्रॉनिक्स तकनीकी उद्योगों का आधार : डॉ. मेहता
-
आर्थिक समर्पण की मिसाल : हिन्दुस्तान ज़िंक का 87,616 करोड़ का योगदान भारत की विकास गाथा में